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Monday, July 7, 2025

केंद्र सरकार ने पेट्रोलियम उत्पादों की कीमतों में नरमी को देखते हुए जेट ईंधन पर अप्रत्याशित लाभ कर में कटौती की

केंद्र सरकार ने मंगलवार शाम अंतरराष्ट्रीय बाजार में पेट्रोलियम उत्पादों की कीमतों में नरमी को देखते हुए डीजल और एटीएफ (जेट ईंधन) पर अप्रत्याशित लाभ कर (windfall taxes) में कटौती की, लेकिन घरेलू स्तर पर उत्पादित कच्चे तेल पर शुल्क बढ़ा दिया।

एक आधिकारिक अधिसूचना के मुताबिक, डीजल के निर्यात पर जहां कर 11 रुपये से घटाकर पांच रुपये प्रति लीटर कर दिया गया है, वहीं एटीएफ पर इसे खत्म करने का फैसला लिया गया है। इसी तरह, पेट्रोल के निर्यात पर शून्य कर जारी रहेगा। अधिसूचना के अनुसार, घरेलू स्तर पर उत्पादित कच्चे तेल (domestically produced crude oil) पर कर 17,000 रुपये प्रति टन से बढ़ाकर 17,750 रुपये प्रति टन कर दिया गया है। यह कदम ओएनजीसी (ONGC) और वेदांत लिमिटेड (Vedanta Ltd) जैसे उत्पादकों को प्रभावित कर सकता है।

भारत ने पहली बार एक जुलाई को अप्रत्याशित लाभ कर लगाया था। इसी के साथ भारत उन देशों में शामिल हो गया था, जो ऊर्जा कंपनियों के मुनाफे पर कर लगाते हैं। हालांकि, तब से अंतरराष्ट्रीय बाजार में तेल की कीमतों में गिरावट आने लगी है, जिससे तेल उत्पादकों और रिफाइनरी, दोनों के मुनाफे में कमी दर्ज की गई है।

 

बता दें कि एक जुलाई को पेट्रोल और एटीएफ पर छह रुपये प्रति लीटर (12 डॉलर प्रति बैरल) का निर्यात शुल्क लगाया गया था और डीजल के निर्यात पर 13 रुपये प्रति लीटर टैक्स (26 डॉलर प्रति बैरल) लगाया गया था। वहीं, घरेलू स्तर पर कच्चे तेल के उत्पादन पर 23,250 रुपये प्रति टन (40 डॉलर प्रति बैरल) का अप्रत्याशित कर लगाया गया था।

इसके बाद 20 जुलाई को पहले पखवाड़े की समीक्षा के दौरान पेट्रोल निर्यात पर लगाए गए तीन सप्ताह पुराने कर को खत्म कर दिया गया था। साथ ही डीजल एवं विमान ईंधन के निर्यात और कच्चे तेल के घरेलू उत्पादन पर लागू अप्रत्याशित लाभ कर में भी कटौती की गई थी। डीजल एवं विमान ईंधन के निर्यात पर लगने वाले कर में क्रमश: दो रुपये और चार रुपये प्रति लीटर की कटौती की गई थी। घरेलू स्तर पर उत्पादित कच्चे तेल पर लगने वाले कर को भी 23,250 से घटाकर 17,000 रुपये प्रति टन कर दिया गया था।

अब, कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट के बाद रिफाइनरी कंपनियों के मार्जिन में गिरावट आई है जिसके बाद डीजल और एटीएफ पर निर्यात कर में कटौती की गई है। लेकिन घरेलू स्तर पर उत्पादित कच्चे तेल पर शुल्क अंतरराष्ट्रीय कच्चे तेल की कीमतों में मामूली वृद्धि के अनुरूप बढ़ाई गई है।

newsaddaindia6
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Anita Choudhary is a freelance journalist. Writing articles for many organizations both in Hindi and English on different political and social issues

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