केंद्र सरकार ने 31 जनवरी को शुरू हो रहे बजट सत्र से पहले मंगलवार को सर्वदलीय बैठक बुलाई। संसद के प्रत्येक सत्र की शुरुआत से पहले होने वाली इस पारंपरिक बैठक में संसद के दोनों सदनों में सभी दलों के नेताओं को आमंत्रित किया जाता है। सरकार की तरफ से इस बैठक में सत्र का एजेंडा विपक्ष के साथ साझा किया जाता है। इसके अलावा सदन में सुचारु कामकाज के लिए विपक्ष से सहयोग का अनुरोध किया जाता है।
केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने मंगलवार को होने वाली इस बैठक के लिए सभी दलों के सदनों के नेताओं को आमंत्रित किया है। इस वर्ष अप्रैल-मई में होने वाले चुनावों से ठीक पहले बजट सत्र मौजूदा लोकसभा का आखिरी संसद सत्र होगा। सत्र 31 जनवरी से 9 फरवरी तक चलना है। 1 फरवरी को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण बजट पेश करेंगी। सत्र की शुरुआत राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के अभिभाषण से होगी।
भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) ने बजट को लेकर अपनी अपेक्षाएं और सिफारिशें देते हुए कहा है कि सरकार को विनिवेश लक्ष्यों को पूरा करने और विनिवेश के लिए 3 साल का कार्यक्रम निर्धारित करना चाहिए। इसके अलावा पेट्रोलियम, बिजली और रियल एस्टेट को भी जीएसटी में शामिल करते हुए तीन दर संरचना का लक्ष्य पूरा करना चाहिए। साथ ही सरकार से पूंजीगत व्यय को 20 फीसदी बढ़ाकर 12 लाख करोड़ करने और अलग से निवेश मंत्रालय की स्थापना करने का अनुरोध किया है।