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Saturday, August 2, 2025

“अपना मोर्चा” का शंखनाद: अनुप्रिया के खिलाफ बगावत, कुर्मी सियासत में तूफान!

लखनऊ, 2 जुलाई 2025: उत्तर प्रदेश की सियासत में भूचाल आ गया है। केंद्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल के नेतृत्व वाले अपना दल (एस) में बगावत की आग भड़क उठी है। मंगलवार को लखनऊ प्रेस क्लब में एक जोरदार बैठक में बागी नेताओं ने “अपना मोर्चा” नामक नए राजनीतिक संगठन की घोषणा कर कुर्मी समाज की सियासत को नई दिशा देने का ऐलान किया।

“हम हैं असली अपना दल!”

राष्ट्रीय जन सरदार पार्टी के अध्यक्ष हेमंत चौधरी ने सनसनीखेज दावा किया कि अपना दल (एस) के 9 विधायक उनके साथ हैं और जल्द ही पार्टी का साथ छोड़ सकते हैं। उन्होंने अनुप्रिया पर तानाशाही का आरोप लगाते हुए कहा, “पार्टी में संवाद की कोई गुंजाइश नहीं, सिर्फ अपमान और दमन का माहौल है। विधायकों को गुलामी की जंजीरों में जकड़ा गया है, जहां हर कदम पर अनुमति लेनी पड़ती है।”

अनुप्रिया और आशीष पर तीखा हमला

“अपना मोर्चा” के संयोजक बृजेंद्र प्रताप सिंह पटेल ने अनुप्रिया और उनके पति आशीष पटेल पर परिवारवाद और “पतिवाद” का गंभीर आरोप लगाया। उन्होंने कहा, “2017 में कार्यकर्ताओं की मेहनत से अपना दल खड़ा हुआ, लेकिन अनुप्रिया ने इसे ‘हथिया’ लिया और अपने पति को राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाकर कुर्मी बिरादरी के साथ विश्वासघात किया।”

धनबल और बाहुबल का खेल?

बागी नेताओं ने पार्टी में टिकट और पदों के बंटवारे में धनबल और बाहुबलियों के दबदबे का सनसनीखेज आरोप लगाया। बौद्ध अरविंद सिंह पटेल ने खुलासा किया कि 6 करोड़ रुपये के चुनावी चंदे का कोई हिसाब-किताब नहीं दिया गया। उन्होंने जौनपुर में एक बाहुबली की पत्नी को जिला पंचायत अध्यक्ष बनाने के लिए पार्टी की पूरी ताकत झोंक देने का भी आरोप लगाया।

एनडीए से कुर्मी समाज का मोहभंग

बागियों का कहना है कि अनुप्रिया की तानाशाही कार्यशैली से कुर्मी बिरादरी अब एनडीए से भी नाराज है। हेमंत चौधरी ने हुंकार भरी, “कुर्मी समाज बदलाव चाहता है, और हम उनकी सशक्त आवाज बनकर उभरेंगे।”

2 जुलाई को महाबैठक, पंचायत चुनाव की रणनीति

2 जुलाई यानी आज लखनऊ के कुर्मी क्षत्रिय भवन में “अपना मोर्चा” की अगली बैठक होगी, जिसमें 2025 पंचायत चुनाव और 2027 यूपी विधानसभा चुनाव के लिए रणनीति तैयार की जाएगी।

प्रमुख बागी चेहरे:

  • धर्मराज पटेल (अध्यक्ष, अपना दल बलिहारी)
  • बौद्ध अरविंद सिंह पटेल (पूर्वांचल विकास बोर्ड सदस्य)
  • केदारनाथ सचान (किसान नेता)
  • बच्चा सिंह पटेल (अध्यक्ष, अपना दल यूनाइटेड)
  • महेंद्र सिंह पटेल (किसान-नौजवान संघ)

बृजेंद्र प्रताप सिंह ने जोर देकर कहा, “हम बागी नहीं, अपना दल की आत्मा हैं। अपमान और संघर्ष की कहानी अब संगठन की शक्ति बनकर उभरेगी।”

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