नगर निगम की सख्ती: बीएसए ऑफिस और सांस्कृतिक संकुल पर ताला, कर्मचारी सड़क पर!
वाराणसी, 27 मार्च 2025, गुरुवार। वाराणसी में नगर निगम ने सख्ती का रुख अपनाते हुए सरकारी विभागों में हड़कंप मचा दिया है। इस बार निशाने पर आए हैं बेसिक शिक्षा अधिकारी (बीएसए) कार्यालय और सांस्कृतिक संकुल, जहां नगर निगम ने बकाया गृहकर के चलते तालाबंदी कर दी। दोनों विभागों पर कुल सात लाख रुपये से ज्यादा का बकाया था, जिसे बार-बार नोटिस देने के बावजूद जमा नहीं किया गया। नतीजा? नगर निगम ने दोनों जगह अपने ताले जड़ दिए।
गुरुवार की सुबह 10 बजे संयुक्त नगर आयुक्त जितेंद्र कुमार आनंद और कर निर्धारण अधिकारी अनुपम त्रिपाठी की अगुवाई में टीम बीएसए कार्यालय पहुंची। यहां बिना किसी देरी के मुख्य गेट पर ताला ठोक दिया गया। नगर आयुक्त अक्षत वर्मा ने बताया कि बीएसए ऑफिस पर 6 लाख 73 हजार रुपये का गृहकर बकाया था। कई बार नोटिस भेजे गए, रिमाइंडर दिए गए, लेकिन कोई जवाब नहीं आया। आखिरकार, बड़े बकायेदारों के खिलाफ चल रहे अभियान के तहत यह कड़ा कदम उठाना पड़ा।

तालाबंदी के बाद बीएसए कार्यालय के कर्मचारी सकते में आ गए। कुछ ने विरोध जताया, लेकिन नगर निगम के अधिकारी टस से मस नहीं हुए। मजबूरन कर्मचारियों ने ऑफिस से मेज-कुर्सियां बाहर निकालीं और गेट के सामने ही बैठकर काम शुरू कर दिया। यह नजारा देखने लायक था कि सरकारी कामकाज अब सड़क किनारे चल रहा है।
बीएसए ऑफिस के बाद नगर निगम की टीम ने रुकने का नाम नहीं लिया। आधे घंटे के भीतर ही अगला पड़ाव था सांस्कृतिक संकुल। यहां 57 हजार रुपये का बकाया था। संचालकों को भी तीन बार नोटिस भेजे गए थे, लेकिन टैक्स जमा करने में कोई दिलचस्पी नहीं दिखाई गई। नतीजतन, यहां भी ताला लगाकर इमारत को सील कर दिया गया।

नगर निगम का कहना है कि यह कार्रवाई बकायेदारों को सबक सिखाने के लिए जरूरी थी। अधिकारियों ने साफ कर दिया कि नियम सबके लिए बराबर हैं, चाहे वह सरकारी विभाग हो या निजी संस्थान। अब देखना यह है कि यह सख्ती बाकी बकायेदारों को समय पर टैक्स जमा करने के लिए प्रेरित करती है या नहीं। फिलहाल, वाराणसी में नगर निगम का यह एक्शन चर्चा का विषय बना हुआ है।