उरई में सलाघाट हादसे में मरने वाले पांचों मृतक आपस में बहुत अच्छे दोस्त थे। रविवार को महेंद्र प्रताप उर्फ कोमेश का जन्मदिन था। जिस पर पार्टी देने की बात हुई। इसके अलावा कनिष्क का सोमवार को हाईस्कूल का रिजल्ट आया, जिसमें वह अच्छे नंबरों से पास हो गया। इसी को लेकर सभी में पार्टी देने की बात हुई। आपस में विचार करने के बाद सलाघाट जाने को तैयार हुए।
सलाघाट जाने से पहले सभी अपने दोस्त हेमंत को लेने के लिए बोहदपुरा गांव पहुंचे और वहां से सलाघाट पहुंच गए। जहां नहाते समय एक-दूसरे को बचाने के चक्कर में सभी की बेतवा नदी में डूबने से मौत हो गई। परिजनों का कहना है कि वह कहां जा रहे हैं, उन्होंने इस बारे में कुछ बताया नहीं था।
इससे सोचा कि वह बाजार में कहीं घूमने या मोहल्ले में होंगे। शाम को जब पुलिस से उनके लापता होने की जानकारी मिली तो सन्न रह गए। परिजन पूरी रात नदी के किनारे बैठकर अपनों के मिलने के इंतजार में टकटकी लगाए रहे। जैसे ही उनके शव नदी से निकले परिजनों के आंखों से आंसू निकल पड़े। एक साथ पांच मौतों से परिजनों में कोहराम मचा हुआ है।
कार पंचर होने के बाद मौत ने बुला लिया सलाघाट
पांचों के जाने की बात हुई तो सभी ने बाइकों से न चलने की बात कही। जिस पर सभी ने मिलकर रुपये एकत्रित कर कार से चलने का फैसला किया। लेकिन कार जैसे ही उरई से निकली तो पंचर हो गई। इसके बाद वह सभी बाइकों के सहारे ही सलाघाट पहुंच गए। लोगों का कहना है कि उन्हें मौत अपनी ओर खींच रही थी, लेकिन उन्हें क्या पता था कि वह जहां जा रहे हैं वहां से अब वह कभी वापस नहीं आ पाएंगे।
कोचिंग से हुई थी दोस्ती, भाई की तरह रहते थे सभी
सभी अलग-अलग स्कूलों में पढ़ते थे, लेकिन कोचिंग एक साथ पढ़ते थे, जिससे उनकी दोस्ती हो गई। यह दोस्ती भाईचारे में बदल गई। जिससे वह एक दूसरे के बिना नहीं रहते थे। परिजनों ने बताया कि एक का भी फोन आने पर सभी इकट्ठा हो जाते थे। सभी दोस्तों में काफी प्रेम था, कोई एक दूसरे की बात नहीं काटते थे। जिस वजह से परिजन भी सभी को अपने बेटों की तरह मानते थे।
बीस घंटे में निकल सके सभी शव, घाट पर मची रही चीख पुकार
पांचों दोस्तों के एक के बाद एक का शव मिलने से घाट पर बीस घंटे तक चीख पुकार मची रही। शव मिलते ही परिजन उससे लिपट जाते और दूसरे की उम्मीद कर फिर नदी की ओर देखने लगते। फिर एक शव मिल जाता। शाम से शुरू हुआ यह सिलसिला दोपहर 12 बजे तक चलता रहा। सभी शव मिलने के बाद लोग उरई लौट आए। मंगलवार को सलाघाट पर सैकड़ों की संख्या में लोग अपनों की मिलने की चाह में खड़े रहे।
परिजनों ने नहीं खाया खाना, पसरा रहा सन्नाटा
एक ही मोहल्ले के चार दोस्तों के शव जैसे ही घर पहुंचे तो परिजनों में कोहराम मच गया। परिजन उनके शवों को देखकर खून के आंसू रो रहे थे। उनकी मां बिलख बिलखकर बच्चों को निहारे जा रही थी। वह कभी उनके शव को सीने से लगा रही थी, तो कभी उठो लाल और एक बार मम्मी कह दो कहकर रो रही थी। उनकी करुण पुकार सुनकर आसपास के लोग भी अपने आंसू नहीं रोक पा रहे थे। एक ही मोहल्ले में एक साथ चार मौतों से परिजनों में कोहराम है। शाम को ही उनके लापता हो जाने की जानकारी पर परिजनों ने खाना पीना छोड़ दिया था।
मृतकों के परिजनों को मिलेगा मुआवजा
शव आने के बाद उनका पूरा दिन रोते रोते निकल गया। लोगों ने परिजनों को खूब समझाया, लेकिन वह सिर्फ अपनों को सोच बस रोते जा रहे थे। नदी में डूबे पांच दोस्तों की जानकारी मिलते ही कोंच एसडीएम सुशील कुमार मौके पर पहुंचे और बताया कि सभी मृतकों के शव को निकाल लिया गया है। सभी को शासन की तरफ से चार-चार लाख रुपये का मुआवजा दिया जाएगा।
ये था पूरा मामला
कोटरा के सलाघाट में पिकनिक मनाने आए पांचों दोस्तों के शव मंगलवार को गोताखोंरो व एसडीआरएफ की टीम ने बरामद कर लिए। एक के बाद एक शव नदी से निकलते देख परिजनों में कोहराम मच गया। सुबह से ही सलाघाट पर लोगों की भीड़ जुटने लगी थी। जानकारी पर एसडीएम सहित अन्य आलाधिकारी मौके पर पहुंचे और परिजनों से पूछताछ के बाद शवों को पोस्टमार्टम के लिए भिजवाया। एक साथ पांच मौतों से सभी के परिवारों में कोहराम मचा है।
पांचों दोस्तों के शव नदी से बरामद
शहर कोतवाली क्षेत्र के मोहल्ला बघौरा बाईपास आरटीओ ऑफिस के सामने रहने वाले प्रदीप बुंदेला का 17 वर्षीय पुत्र अनुभव बुंदेला, फूलचंद्र का 16 वर्षीय पुत्र महेंद्र प्रताप उर्फ कोमेश, कल्याण का 16 वर्षीय पुत्र कनिष्क, रमाकांत कुशवाहा का 16 वर्षीय पुत्र शिवा कुशवाहा व बोहदपुरा निवासी शिवरतन उर्फ बबलू यादव का 16 वर्षीय पुत्र हेमंत यादव सोमवार की शाम बाइक व स्कूटी से कोटरा थाना क्षेत्र के जागेश्वर धाम स्थित सलाघाट पर पिकनिक मनाने गए थे।
तैरना न आने की वजह से सभी नदी में डूब गए
अनुमान है कि जब सभी दोस्त बेतवा नदी में नहा रहे थे, तभी अचानक किसी साथी का पैर फिसल गया। साथी को नदी में डूबता देख सभी उसे बचाने लगे जिस पर तैरना न आने की वजह से सभी नदी में डूब गए। शाम को बाइक के पास उनके कपड़े व अन्य सामान मिलने पर आसपास मौजूद लोगों ने इसकी जानकारी पुलिस को दी थी। पुलिस ने युवकों की तलाश की, लेकिन उनका कहीं कोई पता नहीं चल सका।
बीस घंटे से बैठे परिजनों में कोहराम मच गया
लेकिन बाइक व स्कूटी में मिले कागजातों के आधार पर पुलिस ने परिजनों से बात की तो उनके नाम पता चल सके। इसके बाद पुलिस ने गोताखोंरो की मदद से उन्हें खोजना शुरू कर दिया। लेकिन उनका कहीं कोई पता नहीं चला। जानकारी पर एसडीएम व अन्य अधिकारी मौके पर पहुंचे और एसडीआरएफ की टीम को बुलवाया। इस पर एक-एक कर सभी के शव मिल गए। शव मिलते ही नदी के किनारे बीस घंटे से बैठे परिजनों में कोहराम मच गया।
पिता बोला- तीन बहनों में अकेला था बेटा
परिजन शवों से लिपट कर बिलखने लगे। प्रदीप ने बताया कि वह राजमिस्त्री है, बेटा इंटर का छात्र था। उसने इंटर की परीक्षा पास की थी। वह दो भाइयों में छोटा था। उसकी मौत से मां रागिनी व अन्य परिजन बेहाल है। फूलचंद्र ने बताया कि वह सीआरपीएफ में सब इंस्पेक्टर हैं। बेटा हाईस्कूल का छात्र था, सोमवार को उसका रिजल्ट आया था। वह तीन बहनों में अकेला था। उसकी मौत से मां जमुना देवी व बहनें रो-रोकर बेहाल हैं।
सोमवार को बेटा स्कूटी लेकर चला गया
कनिष्क के पिता कल्याण ने बताया कि वह कृषि विभाग में तैनात है। बेटा हाईस्कूल का छात्र था। सोमवार को वह स्कूटी लेकर चला गया। उसकी मौत से मां हेमलता व छोटा भाई व परिजन रो-रोकर बेहाल हैं। रमाकांत कुशवाहा ने बताया कि वह चौपहिया वाहन चलाता है। बेटा हाईस्कूल का छात्र था। वह दो भाइयों में सबसे छोटा था।
शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेजा
वहीं, बोहदपुरा गांव निवासी मृतक हेमंत यादव के चाचा वीरनारायण ने बताया कि पिता शिवरतन किसान है। भतीजा नौंवी का छात्र था। वह एक भाई व चार बहनों में सबसे छोटा होने की वजह से सभी का दुलारा था। उसकी मौत से मां रामकुमारी सहित अन्य परिजनों में कोहराम मचा है। सीओ गिरजाशंकर त्रिपाठी ने बताया कि शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है। जांच पड़ताल की जा रही है।