छठे वेतन आयोग में देय एरियर ने हिमाचल प्रदेश सरकार को बुरी तरह से उलझा दिया है। विभागीय अधिकारियों का मानना है कि अगर इस एरियर के भुगतान के लिए पांच किस्तें भी बनाई जाएं तो भी इसे आसानी से नहीं दिया जा सकेगा। सरकार के पास कर्ज लेने के अलावा कोई चारा नहीं होगा और इसे भी एक सीमा तक ही लिया जा सकेगा। राज्य वित्त विभाग के एक आकलन के अनुसार एरियर का पूरा भुगतान करने के लिए सरकार को 12 से 13 हजार करोड़ रुपये की जरूरत होगी। जयराम सरकार छठे वेतन आयोग के तहत वेतनमान का लाभ एक जनवरी 2016 से देने का एलान कर चुकी है। इसे जनवरी 2022 से देना शुरू किया जाएगा, यानी जनवरी के फरवरी के वेतन में इसे दे दिया जाएगा।
इस बारे में मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने हाल ही में हुई संयुक्त सलाहकार समिति (जेसीसी) की बैठक में घोषणा की थी। अब 18 दिसंबर को होने जा रही राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में इसका एजेंडा जाएगा। इसी में नए वेतनमान और इसके एरियर के बारे में स्थिति साफ कर दी जाएगी। जेसीसी की बैठक में भी सरकार ने इसे स्पष्ट नहीं किया है कि कर्मचारियों और पेंशनरों को वर्ष 2016 से लेकर अब तक का एरियर कब और किस तरह से दिया जाना है। मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर पहले इसे स्पष्ट कर चुके हैं कि नए वेतनमान को जारी करने का करीब छह हजार करोड़ रुपये का वित्तीय बोझ पड़ेगा। मगर इसके एरियर के बारे में अभी तक स्थिति साफ नहीं की है। वित्त विभाग के एक अधिकारी का कहना है कि सरकार तमाम विषयों पर मंत्रणा कर रही है। मामला 18 दिसंबर को शिमला में होने जा रही राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में चर्चा को जा रहा है।