दि अलीगढ़ बार एसोसिएशन के प्रतिष्ठापूर्ण वार्षिक चुनाव का परिणाम 21 दिसंबर देर रात जारी हो गया। इस चुनाव में अध्यक्ष पद पर शैलेंद्र कुमार सिंह व महासचिव पद पर दीपक बंसल ने जीत हासिल की है। शैलेंद्र कुमार सिंह ने अपने प्रतिद्वंद्वी उमेश पाठक को शिकस्त दी। शैलेंद्र कुमार सिंह को 725 और उमेश पाठक को 499 मत हासिल हुए। इस तरह शैलेंद्र कुमार सिंह 226 मतों से विजयी रहे।
जबकि अध्यक्ष पद के अन्य प्रत्याशी मनोज शर्मा 368, राजेंद्र वर्मा को 267, अनूप काैशिक को 129, संतोष वशिष्ठ को 123,रामअवतार सिंह को 52 व भुवनेश गोस्वामी को 34 मत मिले। 19 मत निरस्त हुए। महासचिव पद पर दीपक बंसल को 800 मत मिले। उन्होंने अपने निकटतम प्रत्याशी अनिल शर्मा को 332 वोटों से हरा दिया। इन्हें 468 मत प्राप्त हुए। वहीं वरिष्ठ उपाध्यक्ष पद पर देवेंद्र राघव ने 750 मत पाकर रामकुमार गुप्ता को 221 मतों से हरा दिया। इन्हें 529 वोट मिले। 68 मत निरस्त रहे। कनिष्ठ उपाध्यक्ष पद पर कमल भट्ट को 1135 वोट मिले। इन्होंने अनमोल को 617 मतों से शिकस्त दे दी, अनमोल को 518 मत प्राप्त हुए। 52 मत निरस्त हुए।
कोषाध्यक्ष पद पर आशीष यादव ने 830 मत पाकर वेदप्रकाश को 10 मतों से हरा दिया, इन्हें 820 वोट मिले। 67 मत निरस्त हुए। संयुक्त सचिव प्रशासन पद पर पवन प्रताप ने 810 मत पाकर रामानुज को 201 मतों से हरा दिया। इन्हें 609 मत प्राप्त हुए। 28 वोट निरस्त हुए। संयुक्त सचिव पुस्तकालय के पद पर उभयवीर सिंह ने 1241 मत हासिल कर अमित कुमार को 384 मतों से हरा दिया। इन्हें 857 वोट प्राप्त हुए। 75 मत निरस्त हुए। विजेताओं की घोषणा होते ही उनके पक्ष के समर्थकों ने जमकर नारेबाजी की और ढ़ोल-नगाड़ों के साथ ही फूलमालाओं से लादकर व मिष्ठान वितरण कर विजयी जुलूस निकाला। हालांकि इस दाैरान शिकस्त पाने वाले प्रत्याशियों ने भी विजेताओं को बधाई दी।
दि अलीगढ़ बार एसोसिएशन के चुनाव कार्यक्रम के तहत कुल आठ पदों के लिए 42 प्रत्याशी चुनाव मैदान में आमने – सामने थे। शुक्रवार को शांतिपूर्वक मतदान के बाद शनिवार सुबह आठ बजे से मतों की गणना कलक्ट्रेट सभागार में मुख्य चुनाव अधिकारी नरेंद्र कुमार सिंह व मनोज शैली की देखरेख में हुई। यहां भारी पुलिस बल की उपस्थिति में मतपेटिकाओं को खोला गया। इसके बाद 34 राउंड में मतों की गिनती हुई। राउंड वार मतगणना का परिणाम घोषित होने के बाद प्रत्याशियों के समर्थक खुशी से झूमने लग जाते। जैसे-जैसे मत खुले प्रत्याशियों की धड़कनें तेज होती गईं।