धारचूला के मल्ली बाजार में भूस्खलन में जमींदोज मकानों से कीमती सामान खोजने का कार्य चल रहा है। सेना की कुमाऊं स्काउट के जवानों और प्रशासन की टीम मलबे में दबे लाखों के गहने और सामान निकालकर प्रभावित परिवारों को सौंपे।
टनकपुर-तवाघाट एनएच पर 28 जुलाई को एलधारा में बोल्डर और मलबा गिरने से मल्ली बाजार स्थित वर्मा सहित छह मकान जमींदोज हो गए थे। प्रशासन ने लोगों को हादसे से पहले सुरक्षित स्थानों पर पहुंचा दिया था लेकिन बोल्डर और मलबे में लोगों का कई कीमती सामान भी दब गया। भारतीय सेना की कुमाऊं स्काउट ने रेस्क्यू अभियान चलाकर 10 से 12 लाख रुपये का कीमती सामान निकालकर प्रभावितों को दिया।
सोमवार देर रात आठ बजे से सेना के कुमाऊं स्काउट ने कमान अधिकारी कर्नल अजयपाल सिंह और ले. कर्नल मोहन चंद्रा के नेतृत्व में दो घंटे तक बचाव अभियान चलाया। इस दौरान मलबे से वर्मा परिवार के छह से सात लाख रुपये के जेवर और व्यापारी सुशील अग्रवाल के क्षतिग्रस्त गोदाम से पांच से छह लाख का सामान निकालकर उन्हें दिया।
बता दें कि पिछले छह दिनों से सेना की कुमाऊं स्काउट के कर्नल अजय पाल, ले. कर्नल मोहन चंद्रा के नेतृत्व में 50 जवान, एनडीआरएफ के एसी अजय पंत और 19 जवान, एसडीआरएफ के सब इंस्पेक्टर और पांच जवान, एसएसबी के असिस्टेंट कमांडेंट बृजमोहन, इंस्पेक्टर सुदर्शन सिंह और 25 जवान, कोतवाल कुंवर सिंह रावत और दस जवान लगातार बचाव कार्य कर रहे हैं। एसडीएम भी मौके पर बने हुए हैं।