नई दिल्ली, 12 जून 2025, गुरुवार: भारतीय क्रिकेट का सुनहरा सफर एक बार फिर इंग्लैंड की सरजमीं पर नया अध्याय लिखने को तैयार है! 20 जून को शुभमन गिल की अगुवाई में भारतीय टीम इंग्लैंड के खिलाफ पांच टेस्ट मैचों की रोमांचक सीरीज का आगाज करेगी। यह सीरीज न सिर्फ विश्व टेस्ट चैंपियनशिप 2025-27 की शुरुआत है, बल्कि रोहित शर्मा और विराट कोहली जैसे दिग्गजों के संन्यास के बाद भारतीय क्रिकेट के नए युग का भी प्रतीक है। बीसीसीआई ने अपने सोशल मीडिया पर एक वीडियो साझा किया, जिसमें भारतीय खिलाड़ी इंग्लैंड के हवाई अड्डे पर उत्साह और जोश के साथ मस्ती करते नजर आए। यह दृश्य देखकर हर भारतीय प्रशंसक का दिल गर्व से भर उठा!
लेकिन क्या आप जानते हैं कि भारत और इंग्लैंड का क्रिकेट रिश्ता 93 साल पुराना है? जी हां, 1932 में भारतीय टीम ने पहली बार इंग्लैंड की धरती पर कदम रखा और टेस्ट क्रिकेट में अपनी ऐतिहासिक शुरुआत की। आइए, उस यादगार मुकाबले की कहानी को ताजा करें, जो भारतीय क्रिकेट के इतिहास का पहला पन्ना है।
भारत का ऐतिहासिक डेब्यू
1932 में, जब भारत पर अंग्रेजों का शासन था, भारतीय क्रिकेट टीम ने पहली बार टेस्ट क्रिकेट में कदम रखा। इंग्लैंड के खिलाफ लॉर्ड्स के मैदान पर 25 जून को शुरू हुआ यह टेस्ट मैच सिर्फ एक खेल नहीं, बल्कि भारत के क्रिकेटीय गौरव की नींव था। भारतीय टीम की कमान थी सी.के. नायडू के हाथों में, जिन्होंने अपने नेतृत्व से इतिहास रचा। दूसरी ओर, इंग्लैंड के कप्तान थे डगलस जॉर्डिन। यह थ्री-डे टेस्ट मैच दोनों देशों के लिए एक अनोखा अनुभव था।
निसार की तूफानी गेंदबाजी
मैच शुरू हुआ और इंग्लैंड ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी चुनी। लेकिन भारतीय गेंदबाजों ने उन्हें चौंका दिया! मोहम्मद निसार ने अपनी तेज गेंदबाजी से इंग्लैंड के दोनों सलामी बल्लेबाजों को महज 11 रनों पर बोल्ड कर पविलियन भेज दिया। इंग्लैंड की शुरुआत डगमगा गई, लेकिन कप्तान डगलस (79 रन) और वैली हैम्मंड की 82 रनों की साझेदारी ने उनकी पारी को संभाला। फिर अमर सिंह ने हैम्मंड को आउट कर इस साझेदारी को तोड़ा। निसार ने 5 विकेट चटकाए, जबकि अमर सिंह और कप्तान नायडू ने 2-2 विकेट लिए। नतीजा? इंग्लैंड की पूरी टीम पहले दिन 259 रनों पर ढेर!
भारत ने भी उसी दिन बल्लेबाजी शुरू की। जर्नादन नावले और नाओमल जीओमल की सलामी जोड़ी ने बिना विकेट खोए 30 रन जोड़े। दोनों ने 11-11 रन बनाकर दिन का खेल खत्म किया, जिसने भारतीय प्रशंसकों में उम्मीद जगा दी।
दूसरा दिन: भारत का संघर्ष
अगला दिन रेस्ट डे था, लेकिन तीसरे दिन (मैच का दूसरा दिन) भारत की बल539 रन पर पहला विकेट गिरा, जब नावले 12 रन बनाकर आउट हुए। नाओमल जीओमल और वजीर अली ने पारी को संभाला, लेकिन 109 रनों पर 2 विकेट के बाद भारतीय पारी लड़खड़ा गई। कप्तान नायडू ने 40 रनों की शानदार पारी खेली, लेकिन बाकी बल्लेबाज छोटी-छोटी पारियां खेलकर पविलियन लौट गए। भारत की पहली पारी 189 रनों पर सिमट गई। इंग्लैंड के बिल बॉयस ने 4 विकेट लिए, जबकि बिल वोस ने 3 और रॉबिन्स ने 2 विकेट झटके। इंग्लैंड को 70 रनों की बढ़त मिली।
इंग्लैंड की मजबूत वापसी और भारत की हार
दूसरी पारी में इंग्लैंड ने दमदार बल्लेबाजी की। कप्तान डगलस ने 85 रनों की शानदार पारी खेली, और इंग्लैंड ने 275 रनों पर पारी घोषित कर दी। भारत की ओर से जहांगीर खान ने 4 विकेट लिए, जबकि अमर सिंह को 2 विकेट मिले। भारत के सामने अब 345 रनों का विशाल लक्ष्य था।
आखिरी दिन भारत ने हार टालने की कोशिश की, लेकिन पारी फिर से लड़खड़ा गई। अमर सिंह ने 51 रनों की जुझारू पारी खेली, लेकिन बाकी बल्लेबाज दबाव में टिक नहीं सके। भारत 187 रनों पर ढेर हो गया और 158 रनों से अपना पहला टेस्ट हार गया।
एक हार, लेकिन गौरवमयी शुरुआत
हालांकि भारत यह मैच हार गया, लेकिन यह हार भारतीय क्रिकेट की नींव थी। उस दौर में, जब भारत अंग्रेजों के शासन में था, लॉर्ड्स के मैदान पर तिरंगा लहराना अपने आप में एक उपलब्धि थी। मोहम्मद निसार, अमर सिंह और सी.के. नायडू जैसे खिलाड़ियों ने दुनिया को दिखाया कि भारतीय क्रिकेट में दम है।
आज, 93 साल बाद, शुभमन गिल की युवा टीम उसी इंग्लैंड में नया इतिहास रचने को तैयार है। क्या यह सीरीज भारत के लिए एक नई शुरुआत होगी? प्रशंसकों की नजरें इस रोमांचक मुकाबले पर टिकी हैं। तो, तैयार हो जाइए, क्योंकि भारतीय क्रिकेट का जादू एक बार फिर इंग्लैंड की धरती पर चमकने वाला है!