थानाध्यक्ष से मद्य निषेध प्रभारी बनाए गए 1994 बैच के पुलिस इंस्पेक्टर शशि शेखर चौहान की मौत से बिहार पुलिस महकमा हिल गया है। थानाध्यक्ष पद से तबादले के बाद तनाव में रह रहे शशि शेखर उसी थाने के बाहर लहूलुहान मिले, जहां वह तीन दिन पहले तक थानाध्यक्ष थे। तीन दिन पहले वाल्मीकिनगर थाना से मद्य निषेध प्रभारी के रूप में योगदान देने के बाद अपनी पूर्व की पोस्टिंग से संबंधित अंतिम प्रक्रिया के लिए पहुंचे शशि शेखर की छत से गिरकर मौत बताई जा रही है, जबकि यह भी बात है कि वह जान देने के लिए ही कूदे।
पुलिसकर्मी लेकर पहुंचे अस्पताल, मगर…घटनास्थल पश्चिम चंपारण के बगहा पुलिस जिले में है। इंडो नेपाल बॉर्डर स्थित वाल्मिकी नगर थाना कैंपस की छत से गिरने पर पुलिस इंस्पेक्टर की मौत हुई है। थाने में मौजूद पुलिसकर्मियों ने उन्हें इलाज के लिए अनुमंडलीय अस्पताल बगहा पहुंचाया, लेकिन ड्यूटी पर तैनात डॉक्टरों ने इंस्पेक्टर शशि शेखर (55) को मृत घोषित कर दिया।
एसपी ने कहा- छत पर टहलने के दौरान फिसलेबगहा पुलिस अधीक्षक किरण कुमार गोरख जाधव ने बताया कि पुलिस इंस्पेक्टर शशि शेखर शनिवार सुबह छत पर टहल रहे थे, इसी दौरान पैर फिसल गया। छत पर से गिरने के कारण उनकी मौत हुई है। मामले की जांच-पड़ताल की जा रही है। उनका पोस्टमार्टम कराया जा रहा है। मृतक के परिजनों की घटना की जानकारी दे दी गई है।
तीन दिन पहले यहीं से हुआ था तबादलाइंस्पेक्टर शशि शेखर वाल्मीकि नगर थाने के ही थानाध्यक्ष थे। तीन दिन पहले उनका थानाध्यक्ष पद से तबादला हुआ था। उन्हें अब मद्य निषेध विभाग का इंस्पेक्टर बनाया गया था। शुक्रवार को वह इंडो नेपाल बॉर्डर स्थित वाल्मीकि नगर थाने में चार्ज देने गए हुए थे। शनिवार सुबह छत से गिरने पर उनकी मौत हो गई। ट्रांसफर से तनाव की बात सामने आ रही है, लेकिन इसपर परिवार की प्रतिक्रिया आनी बाकी है।