श्रीनगर, 26 अप्रैल 2025, शनिवार: जम्मू-कश्मीर में एक बार फिर आतंक का साया मंडरा रहा है। खुफिया एजेंसियों को मिले ताजा इनपुट्स ने सुरक्षा बलों को हाई अलर्ट पर ला दिया है। आतंकवादी संगठनों ने घाटी में विकास की रफ्तार को धमाकों से रोकने की साजिश रची है, जिसमें रेलवे इंफ्रास्ट्रक्चर, कश्मीरी पंडित, गैर-स्थानीय कर्मचारी और सुरक्षा बल उनके प्रमुख निशाने पर हैं। इस खतरे के मद्देनजर घाटी में सुरक्षा व्यवस्था को और सघन कर दिया गया है।
रेलवे इंफ्रास्ट्रक्चर पर आतंकी खतरा
जम्मू-कश्मीर को देश के अन्य हिस्सों से जोड़ने वाली महत्वपूर्ण रेल परियोजनाएं, जैसे चेनाब और अंजी ब्रिज, आतंकियों के निशाने पर हैं। खुफिया सूचनाओं के मुताबिक, आतंकी इन परियोजनाओं को नुकसान पहुंचाकर विकास की गति को बाधित करने की योजना बना रहे हैं। हाल ही में वंदे भारत ट्रेन के परिचालन की तैयारियां पूरी की गई थीं, और 19 अप्रैल को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इसका उद्घाटन करने वाले थे, लेकिन खराब मौसम ने इसे टाल दिया। अब आतंकी इस प्रतीकात्मक प्रगति को निशाना बनाने की फिराक में हैं।
रेलवे कर्मचारी, खासकर गैर-स्थानीय कर्मी, आतंकियों के लिए आसान लक्ष्य बन सकते हैं। ये कर्मचारी अक्सर अपने बैरकों से बाहर स्थानीय बाजारों में जाते हैं, जिसे आतंकी हमले का मौका बना सकते हैं। इसे देखते हुए रेलवे सुरक्षा बल (आरपीएफ) को तत्काल प्रभाव से अनावश्यक बाहरी गतिविधियों पर रोक लगाने और सुरक्षा सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए हैं।
कश्मीरी पंडित और गैर-स्थानीय लोग खतरे में
खुफिया एजेंसियों ने चेतावनी दी है कि आतंकी संगठन, खासकर पाकिस्तान की जासूसी एजेंसी आईएसआई के इशारे पर, श्रीनगर और गंदेरबल जिलों में कश्मीरी पंडितों और पुलिसकर्मियों पर लक्षित हमले की योजना बना रहे हैं। आतंकी स्थानीय लोगों से दोस्ती का दिखावा कर इन समुदायों को निशाना बना सकते हैं। इसे देखते हुए कश्मीरी पंडितों और गैर-स्थानीय कर्मियों को किसी भी संदिग्ध व्यक्ति या अनजान चेहरे के प्रति सतर्क रहने और तुरंत सुरक्षा बलों से संपर्क करने की सलाह दी गई है।
पहलगाम हमले ने बढ़ाई चिंता
22 अप्रैल को पहलगाम में हुए भीषण आतंकी हमले ने सुरक्षा एजेंसियों की चिंता बढ़ा दी है। इस हमले में आतंकियों ने 26 लोगों की निर्मम हत्या कर दी थी, जिनमें ज्यादातर पर्यटक थे। इस घटना के बाद मिले खुफिया इनपुट्स ने सुरक्षा बलों को और सतर्क कर दिया है। घाटी में चेक पोस्ट्स की संख्या बढ़ाई गई है, और महत्वपूर्ण स्थानों पर अतिरिक्त सुरक्षा बल तैनात किए गए हैं।
सुरक्षा बलों की मुस्तैदी
आतंकी खतरे को नाकाम करने के लिए स्थानीय पुलिस, आरपीएफ और अन्य सुरक्षा एजेंसियां आपसी समन्वय के साथ काम कर रही हैं। रेलवे परियोजनाओं को नुकसान पहुंचाने की किसी भी कोशिश को विफल करने के लिए सभी जरूरी कदम उठाए जा रहे हैं। सुरक्षा बलों को संदिग्ध गतिविधियों पर कड़ी नजर रखने और त्वरित कार्रवाई करने के निर्देश दिए गए हैं। साथ ही, स्थानीय लोगों से भी अपील की गई है कि वे किसी भी असामान्य गतिविधि की सूचना तुरंत प्रशासन को दें।
विकास के खिलाफ आतंकी साजिश
जम्मू-कश्मीर में रेलवे और अन्य बुनियादी ढांचे के विकास ने घाटी को देश के साथ जोड़ने में अहम भूमिका निभाई है। लेकिन आतंकी संगठन इस प्रगति को बाधित करने के लिए हर मुमकिन कोशिश कर रहे हैं। यह पहली बार नहीं है जब आतंकियों ने घाटी में शांति और विकास को निशाना बनाया हो, लेकिन सुरक्षा बलों की सतर्कता और स्थानीय लोगों का सहयोग हर बार उनकी नापाक योजनाओं को नाकाम करता रहा है।
जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा बलों की मुस्तैदी और खुफिया एजेंसियों की सतर्कता आतंकी मंसूबों को कामयाब नहीं होने देगी। घाटी में शांति और विकास की प्रक्रिया को और मजबूत करने के लिए केंद्र और राज्य सरकारें प्रतिबद्ध हैं। इस बीच, आम नागरिकों से भी अपील है कि वे सतर्क रहें और सुरक्षा बलों का सहयोग करें, ताकि आतंक का यह साया हमेशा के लिए खत्म हो सके।