इस खेप को उठाने से पहले ही डोडा निवासी चंदर बोस और कैंप गोल गुजराल जम्मू के रहने वाले शमशेर सिंह को पुलिस ने पकड़ लिया। दोनों से हजारों रुपये की नकदी भी मिली है। पुलिस ने मामला दर्ज कर इस टेरर मॉड्यूल की जांच शुरू कर दी है।
सीमा पार से ड्रोन के जरिये आरएस पुरा में गिराई गई हथियारों की खेप के साथ दो आतंकी समर्थकों को गिरफ्तार किया गया है। पुलिस ने आरएस पुरा के सुचेतगढ़ में बासपुर बंगला क्षेत्र में सरकंडे की झाड़ियों से चार पिस्तौल, आठ मैगजीन, 47 पिस्टल राउंड बरामद की हैं। यह हथियार यूरोप में बैठे आतंकी संगठन के ओवर ग्राउंड वर्कर ने मंगवाई थी।
पुलिस के अनुसार 27 और 28 अक्तूबर के मध्य बासपुर बंगला आरएस पुरा क्षेत्र में ड्रोन की संदिग्ध गतिविधि देखी गई थी। अंतरराष्ट्रीय सीमा से तीन किलोमीटर दूर इस इलाके को खंगालने के लिए पुलिस की विशेष टीम रवाना की गई। पुलिस ने सीमावर्ती क्षेत्र से आने वाले सभी वाहनों की जांच की। सीसीटीवी फुटेज भी खंगाली।
इसी दौरान आरएस पुरा पुलिस ने ड्रोन गतिविधि के समय आवाजाही करने वाले कुछ संदिग्धों को हिरासत में लिया। इनमें शामिल चंदर बोस निवासी डोडा से पूछताछ करने पर बड़ी साजिश का खुलासा हो गया। उसने बताया कि वह ड्रोन से गिराए गए हथियारों की खेप लेने इलाके में आया था।
पूछताछ आगे बढ़ी तो उसने शमशेर सिंह निवासी कैंप गोल गुजराल जम्मू का भी नाम लिया, जिसे पुलिस ने बाद में दबोच लिया। चंदर बोस इस समय बाड़ी ब्राह्मणा में रह रहा था। पुलिस की पूछताछ में दोनों ने कहा कि वह पहली बार इस तरह का काम कर रहे हैं।
उन्हें बलविंदर ने यह काम सौंपा था, जो यूरोप में रहकर प्रतिबंधित आतंकी संगठन के लिए काम कर रहा है। बलविंदर जम्मू में इन दोनों तथा सीमा पार के हैंडलर के लगातार संपर्क में था।
बासपुर पुलिस चौकी के अधीन सीमावर्ती गांव सुचेतगढ़ में सरकंडे में से हथियार बरामद किए गए हैं।- सुरेंद्र सिंह, एसडीपीओ, आरएस पुरा
ड्रोन से हथियार गिराने की इस साल चौथी घटना
जम्मू में इस साल चार बार ड्रोन से हथियार फेंके गए हैं। 18 अगस्त को फ्लायं मंडाल में ड्रोन से भेजे गए हथियार बरामद किए गए थे। जबकि आरएस पुरा में ड्रोन से हथियारों की खेप पहुंचाए जाने का पहला मामला प्रकाश में आया है। सूत्रों का कहना है कि सुरक्षा एजेंसियों को इनपुट मिले थे कि भारतीय क्षेत्र में ड्रोन से हथियार व ड्रग्स गिराए जाने की आशंका है। पाकिस्तान की ओर से ड्रोन से हथियारों की खेप फेंक कर वापस चले जाने पर कई सवाल उठ खड़े हुए हैं। इस वर्ष जनवरी में पाकिस्तानी क्षेत्र से भारतीय मगराल के स्थान पर ड्रोन देखे जाने पर सीमा सुरक्षा बलों की ओर से फायरिंग करने के उपरांत वापस चला गया था।