लखनऊ, 26 नवंबर 2024, मंगलवार। उत्तर प्रदेश के संभल और सहारनपुर जिले में आतंकी कनेक्शन की बात कोई नई नहीं है। यहां के कई युवा आतंकी गतिविधियों में शामिल पाए गए हैं, जिसके कारण सुरक्षा एजेंसियों ने कई बार दबिश दी और गिरफ्तारियां कीं। करीब ढाई दशक पहले, एक युवा अलकायदा का दक्षिण एशिया चीफ बन गया था, लेकिन 2019 में अफगानिस्तान हमले में वह मारा गया। 2023 में भी जिले के चार लोगों को गिरफ्तार किया गया था।
अब संभल हिंसा के बाद सवाल उठ रहे हैं कि क्या इसके पीछे भी ISIS का मॉड्यूल हो सकता है। हालांकि, अभी पुलिस की जांच चल रही है और गिरफ्तारियों का दौर भी जारी है। इस सवाल को उठाने का एक कारण यह भी है कि सितंबर महीने में राष्ट्रीय जांच एजेंसी ने दो संदिग्ध आतंकियों को लेकर संभल पहुंची थी। टीम ने उनके संभावित नेटवर्क पर छापेमारी कर लोगों से पूछताछ भी की थी। इस दौरान NIA ने दो लोगों को हरासत में भी लिया था। NIA को शक था कि आतंकी जिले में अपना नेटवर्क फैला रहे हैं।
गौरतलब है कि, संभल का नाम आतंकी कनेक्शन से जुड़ा होना कोई नई बात नहीं है। करीब ढाई दशक पहले, दीपा सराय निवासी युवा मौलाना आसिम उमर उर्फ शन्नू अल कायदा में शामिल हो गया था। वह अल कायदा दक्षिण एशिया चीफ भी बना, लेकिन 2019 में अफगानिस्तान हमले में मारा गया। वह अमेरिका के वैश्विक आतंकियों की लिस्ट में भी शामिल था।
इसके अलावा, दीपा सराय निवासी शरजील और सईद अख्तर भी लापता हुए थे। 2005 में दिल्ली पुलिस को शरजील के आतंकी संगठन से जुड़े होने की सूचना मिली थी, लेकिन उनका पता नहीं चल सका है। इसी तरह, संभल के दीपा सराय निवासी जफर मसूद को 2005 में आतंकी गतिविधियों में शामिल रहने के शक में गिरफ्तार किया गया था। हाल ही में, 2024 में NIA ने आतंकी गतिविधियों में संलिप्तता के शक में चार युवकों को गिरफ्तार किया था। यह घटनाएं संभल के आतंकी कनेक्शन को उजागर करती हैं।