नई दिल्ली, 8 जून 2025, रविवार: मणिपुर में एक बार फिर अशांति की आग भड़क उठी है। घाटी के कई जिलों में ताजा हिंसा और आगजनी की घटनाओं ने राज्य को फिर से तनाव की चपेट में ला दिया है। मैतेई संगठन अरंबाई टेंगोल के एक नेता की कथित गिरफ्तारी की खबरों के बाद शुरू हुए प्रदर्शनों ने उग्र रूप ले लिया। गुस्साई भीड़ ने सड़कों पर टायर और फर्नीचर जलाए, इंफाल एयरपोर्ट का रास्ता जाम किया और सुरक्षा बलों से भिड़ गई। कुछ प्रदर्शनकारियों ने तो आत्मदाह की कोशिश तक की। हालात को काबू में करने के लिए प्रशासन ने बिष्णुपुर में कर्फ्यू लगा दिया और पांच घाटी जिलों में इंटरनेट सेवाएं ठप कर दीं।
शनिवार रात को राजधानी इंफाल में हिंसा तब शुरू हुई, जब अरंबाई टेंगोल के नेता कानन सिंह की गिरफ्तारी की खबरें फैलीं। हालांकि, पुलिस ने अभी तक गिरफ्तारी की पुष्टि नहीं की है, लेकिन इस खबर ने मैतेई समुदाय को सड़कों पर उतरने के लिए उकसाया। प्रदर्शनकारियों ने खुरई लामलोंग इलाके में एक बस को आग के हवाले कर दिया, जबकि क्वाकेथेल में गोलियां चलने की आवाजें सुनाई दीं। यह स्पष्ट नहीं हो सका कि गोलियां किसकी ओर से चलाई गई थीं। उग्र भीड़ ने तुलिहाल में इंफाल एयरपोर्ट के प्रवेश द्वार को घेर लिया और सड़क जाम कर दी, क्योंकि अफवाह थी कि गिरफ्तार नेता को मणिपुर से बाहर ले जाया जा रहा है। कई प्रदर्शनकारी रात भर सड़क पर ही डटे रहे।
सुरक्षा बलों को भीड़ को तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस के गोले छोड़ने पड़े। लाठीचार्ज में एक व्यक्ति के मारे जाने की खबर भी सामने आई है, हालांकि इसकी आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई। स्थिति को नियंत्रित करने के लिए अतिरिक्त सुरक्षाकर्मियों को तैनात किया गया है और राजभवन की ओर जाने वाली सड़कों पर सुरक्षा कड़ी कर दी गई है। बिष्णुपुर में कर्फ्यू लागू कर दिया गया, जबकि इंफाल ईस्ट, इंफाल वेस्ट, थौबल और काकचिंग में पांच या अधिक लोगों के एकत्र होने पर रोक लगा दी गई। सोशल मीडिया के जरिए हिंसा भड़कने की आशंका को देखते हुए इन जिलों में अगले पांच दिनों के लिए इंटरनेट सेवाएं बंद कर दी गई हैं।
इस बीच, सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें बीजेपी के राज्यसभा सांसद लीशेम्बा सनाजाओबा सुरक्षाकर्मियों से बात करते दिख रहे हैं। वीडियो में वे कहते सुनाई दे रहे हैं, “हमने शांति लाने की बहुत कोशिश की। अगर आप ऐसी कार्रवाई करेंगे, तो शांति कैसे आएगी? मुझे और मेरे विधायकों को गिरफ्तार कर लीजिए।” इस वीडियो ने तनाव को और हवा दी है।
अरंबाई टेंगोल ने घाटी के जिलों में 10 दिनों की पूर्णबंदी की घोषणा की है, ताकि विरोध को और तेज किया जा सके। यह संगठन, जो पहले एक सांस्कृतिक समूह के रूप में जाना जाता था, अब एक विवादास्पद मिलिशिया के रूप में उभरा है। हाल ही में इस संगठन ने राज्यपाल से मुलाकात की थी और कुछ हथियार भी सौंपे थे।
मणिपुर में कुकी और मैतेई समुदायों के बीच मई 2023 से शुरू हुई जातीय हिंसा का सिलसिला अभी भी जारी है। इस हिंसा में अब तक 260 से अधिक लोग अपनी जान गंवा चुके हैं और हजारों लोग बेघर हो गए हैं। शनिवार को ही टेंग्नौपाल जिले में सुरक्षा बलों ने दो प्रतिबंधित संगठनों से जुड़े तीन उग्रवादियों को गिरफ्तार किया और एक आईईडी बरामद किया। इस साल फरवरी में मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह के इस्तीफे के बाद केंद्र सरकार ने मणिपुर में राष्ट्रपति शासन लागू कर दिया था।
फिलहाल, राज्य में तनाव बरकरार है। प्रशासन शांति बहाली के लिए हरसंभव कोशिश कर रहा है, लेकिन प्रदर्शनकारियों के आक्रोश और हिंसा की घटनाओं ने स्थिति को जटिल बना दिया है।