नई दिल्ली, 6 अप्रैल 2025, रविवार। बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री और राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) के नेता तेजस्वी यादव ने शनिवार को वक्फ संशोधन विधेयक को लेकर केंद्र सरकार पर जमकर हमला बोला। एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में उन्होंने इस विधेयक को बीजेपी और आरएसएस की “लॉन्ग टर्म साजिश” करार देते हुए कहा कि अगर बिहार में उनकी सरकार सत्ता में आई, तो वे इस बिल को “कूड़ेदान में फेंक देंगे।” तेजस्वी ने इसे न सिर्फ मुसलमानों, बल्कि दलित, पिछड़े और आदिवासी समुदायों के खिलाफ एक सुनियोजित चाल बताया।
मुसलमानों के साथ मंडल हिंदुओं को भी निशाना
तेजस्वी ने बीजेपी पर आरोप लगाया कि यह विधेयक सतह पर भले ही मुसलमानों से जुड़ा दिखे, लेकिन इसका असली मकसद मंडल हिंदुओं—खासकर दलित, पिछड़े और अति पिछड़े वर्गों—को सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक रूप से हाशिए पर धकेलना है। उन्होंने कहा, “ये शातिर लोग मुसलमानों के नाम पर मंडल हिंदुओं को नुकसान पहुंचाना चाहते हैं। यह बिल सिर्फ वक्फ संपत्तियों तक सीमित नहीं है, बल्कि यह दलितों और पिछड़ों को मुख्यधारा से दूर करने की साजिश है।”
उन्होंने हिंदू समुदाय से अपील करते हुए कहा, “मैं अपने हिंदू भाइयों से कहना चाहता हूं कि यह आपके दलित, पिछड़े और अति पिछड़े भाइयों को कमजोर करने की चाल है। आपने देखा कि 65 फीसदी आरक्षण को इन्हीं लोगों ने रुकवाया। इनका असली निशाना सिर्फ मुसलमान नहीं, बल्कि हम सब हैं।”
आरक्षण और वक्फ के खिलाफ एक ही साजिश
तेजस्वी ने बीजेपी पर आरक्षण और वक्फ जैसे मुद्दों को लेकर दोहरा रवैया अपनाने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा, “हमने आरक्षण की लड़ाई को सड़क से लेकर कोर्ट तक लड़ा, लेकिन बीजेपी ने साजिश रचकर उसे रुकवा दिया। ठीक वैसे ही, वक्फ संशोधन बिल के खिलाफ हम सुप्रीम कोर्ट गए हैं। यह बिल संसद के दोनों सदनों से पास हो चुका है, लेकिन हम इसे कानून बनने से रोकने के लिए हर संभव कोशिश करेंगे। और जब बिहार में हमारी सरकार बनेगी, तो इसे कूड़ेदान में डाल देंगे।”
उन्होंने सवाल उठाया कि बीजेपी “डबल इंजन सरकार” दलित, पिछड़े और आदिवासी हिंदुओं को धार्मिक न्यास बोर्डों और बड़े मंदिरों के ट्रस्टों में बराबरी का हक क्यों नहीं देती? “ये लोग 65 फीसदी आरक्षण को क्यों रोक रहे हैं? इनका जनगणना से परहेज क्यों है?” तेजस्वी ने तंज कसते हुए कहा कि बीजेपी का असली चेहरा अब सबके सामने आ चुका है।
चुनाव में हिसाब होगा
तेजस्वी ने चेतावनी दी कि जिन सांसदों ने संसद में इस बिल का समर्थन किया, उन्हें आने वाले चुनावों में जनता सबक सिखाएगी। उन्होंने कहा, “जिन्होंने इस बिल को पास करवाया, उन्हें जनता की अदालत में जवाब देना पड़ेगा। हमारी लड़ाई आरक्षण, सम्मान और सामाजिक न्याय के लिए है, और इसे कोई नहीं रोक सकता।”
वक्फ बिल का मौजूदा हाल
वक्फ संशोधन विधेयक संसद के दोनों सदनों से पारित हो चुका है और अब इसे कानून बनने के लिए सिर्फ राष्ट्रपति की मंजूरी का इंतजार है। हालांकि, आरजेडी समेत कई विपक्षी दलों ने इसके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। तेजस्वी का यह बयान न सिर्फ बिहार की सियासत में हलचल मचाने वाला है, बल्कि यह विधेयक को लेकर देशव्यापी बहस को और तेज करने वाला साबित हो सकता है।
तेजस्वी का संकल्प
तेजस्वी यादव का यह बयान उनके उस दृढ़ निश्चय को दिखाता है, जिसमें वे सामाजिक न्याय और समानता की लड़ाई को हर मोर्चे पर ले जाना चाहते हैं। उनका यह ऐलान कि “वक्फ बिल कूड़ेदान में जाएगा” न सिर्फ उनके समर्थकों में जोश भरने वाला है, बल्कि बीजेपी के लिए एक बड़ी चुनौती भी खड़ी करता है। अब सबकी नजर इस बात पर है कि यह सियासी जंग आगे कैसे रंग लाती है।