हसमुख उवाच
सभी केकड़ों की मीटिंग चल रही थी, मीटिंग का विषय था कि हम में से कौन नेता बनेगा ,क्योंकि जिस डिब्बे में केकड़े रहते थे उनमें से कोई केकड़ा डिब्बे से बाहर आने की जब भी कोशिश करता था तो नीचे वाले केकड़े उसकी टांग खींच कर नीचे गिरा देते थे, सबका साथ सबका विकास वाली बात उन्होंने कभी सीखी ही नहीं थी, हर केकड़ा डिब्बे से बाहर आना चाहता था लेकिन और केकड़े उसे सहयोग तो दूर उसकी टांग खींच कर फिर नीचे गिरा देते थे!
समस्या बड़ी गंभीर थी, हर केकड़ा महत्वाकांशी था, सबसे ज्यादा खुद को योग्य समझता था, काफी देर तक मंथन और मंत्रणा करने के पश्चात कोई निर्णय न होने पर भी इस बात पर सहमति हो गई कि हम सभी केकड़ों को हिंदुस्तान के विरोधी नेताओं के भीतर प्रवेश करना चाहिए, जिसकी किस्मत में नेता बनना होगा वह नेता बन जाएगा परंतु हम एक दूसरे की टांग खींचने का काम जारी रखेंगे ,फिर भी बेमन से सही एक केकड़े को सभी ने अपनी टीम का नेता भी चुन लिया, और सभी केकड़ों ने देश के विरोधी नेताओं के भीतर प्रवेश कर लिया!
मीटिंग के निर्णयानुसार सभी केकड़ों ने देश के विरोधी दलों के नेताओं में यथा समय प्रवेश किया, स्वभाव के मुताबिक उन्होंने टांग खींचने के लिये उसे लक्ष्य बनाया जो सत्ता में था, सत्ताधारी का नाम मोदी था जो हंस की तरह सही गलत का विवेक रखता था, केकड़ों को देश की चिंता नहीं थी, सभी सत्ता पाना चाहते थे, इस मामले में सभी केकड़े एक थे, लिहाजा केकड़ों ने अपना एक गिरोह बना लिया, जिसका एक नाम रख लिया, चुनाव हुए लेकिन केकड़ों को बहुमत नहीं मिला!
केकड़ों ने बड़ी माथा पच्ची करके अपना एक नेता चुना जो संसद में विपक्षी नेता बन गया, इसका कारण यह था कि उसमें केकड़े के संस्कार अधिक मात्रा में थे,केकड़ों ने उसके जिम्मे ही टांग खींचने का सारा काम सौंप दिया, केकड़ों का वह प्रधान विपक्षी नेता अब सत्ताधारी मोदी जी की टांग खींचने में लग गया!
केकड़ा वृत्ति के कीटाणुओं से ग्रस्त वह विपक्षी नेता अपना काम करने लगा, कभी कभी उसे संसद में नींद भी आ जाती, सभी हंसते थे,मगर केकडों का वह प्रधान विपक्षी नेता मोदी जी की टांग खींचने का काम जारी रखता था, केकड़ों का गिरोह उस प्रधान विपक्षी नेता से खुश भी होता था परंतु उसकी बातों और बयानों से अपना माथा भी पीटता था!
टांग खींचने का काम जारी था,टांग खींचने के लिये खोज खोज कर मुद्दे निकाले जाते थे, मुद्दे इतने निकाले गए कि केकड़ा गिरोह को मुद्दों की कमी पड़ने लग गई, अब मोदी जी की हर बात पर टांग खींचने की कार्ययोजना अपनाई गई कि यदि मोदी सूट पहन ले तो भी विरोध करो, न पहने तो भी विरोध करो, विदेश जाए तो भी विरोध करो, विदेश न जाए तो भी विरोध करो, मुस्कराए तो भी विरोध करो, न मुस्कराए तो भी विरोध करो, विपक्षी नेता समेत सारे केकड़ा गिरोह ने टांग खींचने का एक ही सूत्र अपना लिया कि ‘कुछ काम नहीं, कुछ धाम नहीं, बस अपनी बात पे अड़े रहो, मोदी के पीछे पड़े रहो ‘
संसद में एक तरफ केकड़ों की टीम थी तो दूसरी तरफ मोदी की टीम थी, परंतु मोदी के सलाहकार योग्य लोग थे, उन्होंने मोदी जी से कहा ‘केकड़ा टांग खींचने में बदनाम होता है, पर टांग खींचना केकड़े का काम होता है, ये आपको बदनाम करेंगे, बदनाम भी सुबह शाम करेंगे, पर चिंता की कोई बात नहीं मोदी जी, आप अपना काम करो, केकड़े अपना काम करेंगे! ‘
समाप्त