नई दिल्ली, 7 अप्रैल 2025, सोमवार: पेट्रोल और डीज़ल की कीमतों को लेकर एक बड़ी खबर सामने आई है, लेकिन घबराने की जरूरत नहीं! केंद्र सरकार ने पेट्रोल और डीज़ल पर उत्पाद शुल्क (Excise Duty) में 2 रुपये प्रति लीटर की बढ़ोतरी का ऐलान किया है। नए नियम 8 अप्रैल 2025 से लागू होंगे, जिसके तहत पेट्रोल पर उत्पाद शुल्क अब 13 रुपये प्रति लीटर और डीज़ल पर 10 रुपये प्रति लीटर हो गया है। लेकिन खास बात यह है कि इस बढ़ोतरी का असर आपकी जेब पर नहीं पड़ेगा।
जनता को राहत, सरकार ने लिया जिम्मा
पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर साफ कर दिया कि इस टैक्स बढ़ोतरी के बावजूद पेट्रोल पंपों पर कीमतें जस की तस रहेंगी। मंत्रालय ने कहा, “सार्वजनिक क्षेत्र की तेल मार्केटिंग कंपनियों (PSU OMCs) को निर्देश दिए गए हैं कि खुदरा दामों में कोई बदलाव न किया जाए।” इसका मतलब यह हुआ कि आम आदमी को पेट्रोल-डीज़ल के लिए अभी वही पुरानी कीमत चुकानी होगी।
इसके पीछे का गणित भी दिलचस्प है। हाल के दिनों में अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतें चार साल के निचले स्तर पर पहुंच गई हैं। ब्रेंट क्रूड की कीमत 3.4% गिरकर 63.35 डॉलर प्रति बैरल और यूएस वेस्ट टेक्सास इंटरमीडिएट (WTI) की कीमत 3.58% घटकर 59.77 डॉलर प्रति बैरल पर आ गई है। बीते हफ्ते में ब्रेंट में 10.9% और WTI में 10.6% की गिरावट देखी गई। इस सस्ते तेल का फायदा उठाते हुए सरकार ने टैक्स बढ़ाया, लेकिन कीमतों को स्थिर रखने का फैसला किया।
कब-कब बदलीं कीमतें?
भारत में आखिरी बार ईंधन की कीमतों में बदलाव 14 मार्च 2024 को हुआ था, जब लोकसभा चुनाव से ठीक पहले दाम घटाए गए थे। उससे पहले 22 मई 2022 को सरकार ने दो बार उत्पाद शुल्क में कटौती की थी, जिससे पेट्रोल 13 रुपये और डीज़ल 16 रुपये प्रति लीटर सस्ता हुआ था। तब से लेकर अब तक कीमतें स्थिर थीं, और अब टैक्स बढ़ने के बाद भी सरकार ने जनता को राहत देने का रास्ता चुना।
कांग्रेस का तंज: “सरकार मुनाफाखोरी कर रही”
इस फैसले पर विपक्ष खामोश कैसे रहता? कांग्रेस ने सरकार पर निशाना साधते हुए इसे मुनाफाखोरी करार दिया। पार्टी ने अपने आधिकारिक X हैंडल से कहा, “जब अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चा तेल सस्ता हो रहा है, तो सरकार जनता को राहत देने की बजाय ज्यादा टैक्स वसूल रही है।” कांग्रेस का आरोप है कि सरकार इस मौके का फायदा उठाकर अपना खजाना भर रही है, जबकि आम लोगों को सस्ता ईंधन मिल सकता था।
तो क्या है असली कहानी?
यह कदम सरकार के लिए दोहरी जीत जैसा है। एक तरफ कच्चे तेल की कम कीमतों का फायदा लेकर राजस्व बढ़ाया जा रहा है, तो दूसरी तरफ जनता पर बोझ डाले बिना कीमतें स्थिर रखी जा रही हैं। लेकिन सवाल यह है कि क्या यह राहत स्थायी होगी, या भविष्य में तेल की कीमतों में उछाल आने पर इसका असर दिखेगा? फिलहाल, पेट्रोल पंप पर आपकी जेब सुरक्षित है, और सरकार का यह दांव चर्चा का विषय बना हुआ है।