नई दिल्ली, 17 जून 2025, मंगलवार। जैसे-जैसे बिहार में चुनावी सरगर्मियां तेज हो रही हैं, वैसे-वैसे आरक्षण और जाति का मुद्दा जोर पकड़ रहा है। केंद्र सरकार ने हाल ही में जातिगत जनगणना को हरी झंडी दिखाई है, और इसका नोटिफिकेशन भी जारी हो चुका है। लेकिन इस फैसले पर सियासी बवाल मचा हुआ है। कांग्रेस ने इसे महज एक “छलावा” करार दिया है। कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने ट्वीट कर दावा किया कि गजट में “जाति” का जिक्र तक नहीं है, जिससे सरकार की मंशा पर सवाल उठ रहे हैं।
इस मुद्दे पर वरिष्ठ पत्रकार अनिता चौधरी के साथ बातचीत में बीजेपी महासचिव तरुण चुग ने कांग्रेस पर तीखा हमला बोला। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार ने जातिगत जनगणना का ऐतिहासिक फैसला लिया है, जो सामाजिक न्याय की दिशा में बड़ा कदम है। चुग ने कांग्रेस को “फेक न्यूज की फैक्ट्री” बताते हुए उनके दावों को कोरा झूठ करार दिया। उन्होंने जोर देकर कहा कि अगली जनगणना में जाति का डेटा जरूर शामिल होगा, लेकिन विपक्ष झूठ और बांटने की साजिश रच रहा है।
चुग ने गर्व के साथ बताया कि मोदी सरकार ने पिछले 11 सालों में गरीबों, पिछड़ों और वंचितों के लिए काम किया है, जिसके नतीजे में 25 करोड़ लोग गरीबी से बाहर निकले हैं। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार ने ओबीसी को संवैधानिक दर्जा दिया और मंत्रिमंडल से लेकर तमाम संस्थाओं में दलितों व पिछड़ों को सम्मानजनक प्रतिनिधित्व दिया।
अनिता चौधरी ने चुग से तीखा सवाल किया कि कांग्रेस के जयराम रमेश का दावा है कि मंडल आयोग के वक्त बीजेपी ने साथ छोड़ दिया था। इस पर चुग ने पलटवार करते हुए कहा कि जयराम रमेश झूठ बोल रहे हैं। उन्होंने दावा किया कि बीजेपी ने सड़क से लेकर संसद तक मंडल कमीशन का पुरजोर समर्थन किया था। चुग ने उल्टा कांग्रेस पर हमला बोला और कहा कि राहुल गांधी के पिता राजीव गांधी ने संसद में खड़े होकर आरक्षण का विरोध किया था। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि इंदिरा गांधी ने मंडल कमीशन की रिपोर्ट को दबाए रखा। चुग ने राहुल गांधी को चुनौती दी कि वे अपनी तीन पीढ़ियों की संसदीय कार्रवाई पढ़ें, ताकि कांग्रेस का “काला इतिहास” सामने आए।
वंशवादी राजनीति पर तंज कसते हुए चुग ने कहा कि कांग्रेस जैसी पार्टियां, जिनके पास “न नीति है, न नेता, न नियत,” हमेशा देश को गुमराह करती हैं। उनके मुताबिक, कांग्रेस की नीतियों में सिर्फ छल है। अंत में, रॉबर्ट वाड्रा को ईडी के समन पर पूछे गए सवाल पर चुग ने दो टूक जवाब दिया कि कुछ लोग सोचते हैं कि गांधी परिवार का बेटा, बेटी या दामाद होना संविधान और कानून से ऊपर है। लेकिन सच्चाई यह है कि देश का कानून सबसे बड़ा है, और कोई भी उससे ऊपर नहीं।