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Tuesday, July 1, 2025

अफगानिस्तान में सत्ता की कुर्सी को लेकर तालिबान और हक्कानी नेटवर्क आपस में ही भिड़े

अफगानिस्तान में कब्जा जमाए तालिबान के दो सप्ताह से अधिक का समय हो चुका है, मगर अब तक सरकार गठन को लेकर कोई हल नहीं निकला है। अफगानिस्तान में सत्ता की कुर्सी को लेकर तालिबान और हक्कानी नेटवर्क आपस में ही भिड़े पड़े हैं। इस बीच खबर है कि तालिबान के सह-संस्थापक अब्दुल गनी बरादर और हक्कानी गुट के बीच झड़प हुई है और इसमें गोली भी चली है। अफगानिस्तान की वेबसाइट पंजशीर ऑब्जर्वर की रिपोर्ट के मुताबिक, इस झड़प में अब्दुल गनी बरादर घायल हो गए हैं। बताया जा रहा है कि हक्कानी गुट ने ही गोली चलाई है।

पंजशीर ऑब्जर्वर ने सूत्रों के हवाले से खबर दी है कि काबुल में बीती रात तालिबान के दो वरिष्ठ नेताओं के बीच सत्ता संघर्ष को लेकर गोलीबारी हुई। पंजशीर के मुद्दे को कैसे हल किया जाए, इसे ललकेर अनस हक्कानी और मुल्ला बरादर के लड़ाकों के बीच असहमति थी और इसी को लेकर झड़प हो गई। हक्कानी की ओर से चलाई गई गोली में मुल्ला बरादर कथित तौर पर घायल हो गए हैं और उनका पाकिस्तान में इलाज चल रहा है। हालांकि, सूत्रों ने गोलीबारी की पुष्टि नहीं की है।

इधर नॉर्दन अलायंस ने भी ट्वीट कर इस घटना का जिक्र किया है। नॉर्दन अलांयस का कहना है कि बरादर ने तालिबानियों को पंजशीर में नहीं लड़ने और काबुल आने को कहा है। इस झड़प में मुल्ला बरादर गंभीर रूप से घायल हो गए हैं और उन्हें इलाज के लिए पाकिस्तान ले जाया गया है। अलायंस ने काबुल में तालिबानी नेताओं के बीच आपसी संघर्ष को नहीं दिखाने को लेकर मीडिया को लताड़ा है। अलायंस का कहना है कि सत्ता के लिए इन लोगों में आपस में लड़ाई जारी है।

इधर, हक्कानी नेटवर्क और तालिबान के बीच जारी सियासी खींचतान के बीच अफगान की पूर्व महिला सांसद मरियम सोलेमानखिल ने शनिवार को दावा किया कि हक्कानी नेटवर्क और तालिबान के बीच कुर्सी की लड़ाई शुरू हो गई है। हक्कानी नेटवर्क के नेता अनस हक्कानी और खलील हक्कानी का तालिबान के नेता मुल्ला बरादर और मुल्ला याकूब के साथ झड़प भी हुई है। सोलेमानखिल ने ट्वीट कर बताया कि पाकिस्तान नहीं चाहता है कि मुल्ला बरादर देश का नेतृत्व करे। उधर, हक्कानी नेटवर्क सरकार में बड़ी हिस्सेदारी और रक्षा मंत्री का पद मांग रहा है, जबकि तालिबान इतना कुछ देने को तैयार नहीं है।

अफगान की सत्ता को लेकर हक्कानी और तालिबान के बीच जारी संघर्ष के बीच पाकिस्तान ने आईएसआई चीफ लेफ्टिनेंट जनरल फैज हमीद को काबुल भेजा है। माना जा रहा है कि आईएसआी चीफ को दोनों गुटों के बीच जारी झगड़े को सुलझाने और अफगान में सरकार बनाने का रास्ता सुझाने के लिए पाकिस्तान ने भेजा है। इधर, मुल्ला उमर के बेटे मुल्ला याकूब शक्तिशाली तालिबान सैन्य आयोग के प्रमुख की भूमिका निभाना चाहता है। तालिबान सरकार में यह पद बहुत की शक्तिशाली और सम्मानित माना जाता है। तालिबान के राजनीतिक नेतृत्व ने हक्कानी नेटवर्क को सरकार में कुछ अहम पद देने को राजी हो गया था। इस वजह से अनस हक्कानी को काबुल पर कब्जे के तुरंत बाद राजधानी की सुरक्षा का प्रभार भी सौंपा गया था। इस फैसले से मुल्ला याकूब काफी नाराज है।

newsaddaindia6
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Anita Choudhary is a freelance journalist. Writing articles for many organizations both in Hindi and English on different political and social issues

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