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Wednesday, April 24, 2024

दिल्ली में लक्षण ग्रस्त, मरीजों की जांच होने पर भी संक्रमण दर स्थिर

एक ओर सरकार दिल्ली में कोरोना का पीक निकलने के साथ ही मरीजों की संख्या कम होने का दावा कर रही है, लेकिन हर दिन जांच में कमी आने पर सवाल भी खड़े हो रहे हैं। ऐसे में ‘अमर उजाला’ संवाददाता ने जब इस बाबत अलग-अलग जांच केंद्रों पर पड़ताल शुरू की तो पाया कि इन दिनों लक्षण ग्रस्त रोगियों की सबसे अधिक जांच हो रही है और उनमें संक्रमण दर भी स्थिर मिल रही है। इससे यह स्पष्ट है कि हर लक्षण ग्रस्त रोगी कोरोना संक्रमित नहीं है। शायद यह भी एक वजह है कि संक्रमण दर में बढ़ोतरी नहीं हो रही है।
आंकड़े देखें तो बीते चार दिन में कोरोना की जांच और दैनिक मामलों में लगातार कमी आई है। वहीं, दैनिक संक्रमण दर 30.64 से 27.99 फीसदी तक खिसकी है। चूंकि, इन चार दिन की औसतन संक्रमण दर 29.28 फीसदी दर्ज की गई। ऐसे में लक्षण ग्रस्त रोगियों में औसतन 100 में से 29 लोग ही कोरोना संक्रमित मिले हैं, जिसे स्वास्थ्य विशेषज्ञ काफी बेहतर मान रहे हैं, लेकिन इसी के साथ एक सवाल यह भी उठा रहे हैं कि दिल्ली में बिना लक्षण वाले संक्रमित रोगियों की संख्या काफी बड़ी है। इसलिए यह कहना भी गलत नहीं है कि इस समय राजधानी में दैनिक संक्रमण दर सरकारी कागजों से कहीं अधिक हो सकती है।

ये है नया नियम

पूर्वी दिल्ली के लक्ष्मी नगर स्थित सरकारी डिस्पेंसरी में कार्यरत डॉ. मनीषा बताती हैं कि पिछले सप्ताह कोरोना जांच नियमों में बदलाव किया गया। इसके तहत जिन लोगों में लक्षण नहीं हैं या फिर आरटीपीसीआर पॉजिटिव रोगी के संपर्क में आने के बाद भी इनमें लक्षण नहीं हैं तो इन्हें जांच कराने की तब तक आवश्यकता नहीं है, जब तक कि लक्षण दिखाई न दें। हालांकि, जो लोग पहले से बीमार हैं या फिर जिनकी आयु 60 वर्ष या उससे अधिक है उन लोगों के लिए पहले जैसे ही जांच नियम हैं।

चार दिन में बदली स्थिति
दिन केस जांच संक्रमण दर मौत

14 24383 79578 30.64 34
15 20718 67624 30.64 30
16 18286 65621 27.87 28
17 12527 44762 27.99 24

100 में से 29 संक्रमित मरीज औसतन चार दिन में मिले
आईआईटी कानपुर के विशेषज्ञों ने कहा, दिल्ली में आ चुका है कोरोना की लहर का पीक

100 में लक्षण, फिर भी सभी संक्रमित नहीं

सफदरजंग अस्पताल के डॉ. जुगल किशोर का कहना है कि कोरोना की जांच उन लोगों की हो रही है जिनमें संक्रमण की तरह लक्षण दिखाई दे रहे हैं। इन मरीजों में संक्रमण की दर बहुत अधिक होनी चाहिए, जबकि जमीनी स्तर पर ऐसा देखने को नहीं मिल रहा है। चूंकि, इस वक्त सर्दी भी काफी है, ऐसे में ये आंकड़े हर लक्षण ग्रस्त रोगी कोरोना संक्रमित नहीं होने की पुष्टि कर रहे हैं।

16 जनवरी को निकल गया है पीक

कानुपर आईआईटी के वरिष्ठ प्रोफेसर डॉ. मनिंद्र अग्रवाल का कहना है कि दिल्ली में कोरोना का पीक 16 जनवरी को दिखाई दे चुका है। उन्होंने अपने गणितीय मॉडल के आधार पर कहा कि कुछ समय पहले तक यह आशंका व्यक्त की जा रही थी कि दिल्ली में हर दिन 50 हजार से भी ज्यादा लोग संक्रमित मिल सकते हैं, परंतु वास्तविक स्थिति में 50 फीसदी से भी कम ग्राफ पीक तक पहुंचा और 16 जनवरी से यह नीचे की ओर खिसकना शुरू कर चुका है।

ये हुआ असर

लोकनायक अस्पताल के निदेशक डॉ. सुरेश कुमार बताते हैं कि पहले सभी की जांच हो रही थी। फिर चाहे वह बिना लक्षण वाला हो या फिर लक्षण ग्रस्त। इनकी जांच होने से संक्रमित रोगियों की संख्या भी काफी अधिक होती थी, जिसे हम हजारों में देखते थे, लेकिन अगर इनका आकलन किया जाए तो इनमें आठ से 10 फीसदी भी लक्षण वाले नहीं थे। इसलिए होम आइसोलेशन की संख्या बढ़ती चली गई। अब नियम बदलने से यही बड़ा असर है कि वास्तविक और जरूरतमंद रोगी निगरानी से छूट नहीं पाएगा।

ऐसे बदलने लगी है दिल्ली

नियमों में बदलाव के साथ ही 14 जनवरी से इसका असर भी दिखने लगा है। 14 से 17 जनवरी के बीच दिल्ली में कोरोना की दैनिक संक्रमण दर में 2.65 फीसदी की कमी दर्ज की गई है। हालांकि, चार दिन में औसतन संक्रमण दर 29 फीसदी भी दर्ज हुई, लेकिन 18 जनवरी को दैनिक संक्रमण दर 22.47 फीसदी दर्ज हुई। अब जांच और मरीजों की बात करें तो 14 जनवरी की तुलना में 17 जनवरी को जांच 79,578 से गिरकर 44,762 तक पहुंची है। इसके चलते संक्रमित रोगियों की संख्या 24,383 से कम होकर 12527 पर आई है।

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Anita Choudhary is a freelance journalist. Writing articles for many organizations both in Hindi and English on different political and social issues

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