छत्तीसगढ़ के वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी और निलंबित एडीजी जीपी सिंह को मंगलवार को उस समय बड़ा झटका लगा जब रायपुर कोर्ट ने फैसला सुनाते हुए उन्हें 14 दिनों के लिए न्यायिक रिमांड पर भेज दिया। जीपी सिंह पर आय से अधिक संपत्ति और राजद्रोह का मुकदमा चल रहा था। मंगलवार की शाम उन्हें अदालत में पेश किया गया था। करीब 1.5 घंटे तक चली जिरह के बाद न्यायधीश लीना अग्रवाल ने फैसला सुरक्षित रख लिया। इसके बाद दो घंटे तक कोर्ट कैंपस में जीपी सिंह अपने फैसले का इंतजार करते रहे। जज ने उन्हें कोर्ट रूम से बाहर इंतजार करने को कहा। शाम के लगभग 5.30 बजे जज ने फैसला सुनाते हुए कहा कि जीपी सिंह को 14 दिन के लिए न्यायिक रिमांड पर जेल भेजा जाता है।
मफलर से चेहरा छिपाकर गए जेल
कोर्ट परिसर से जैसे ही जीपी सिंह निकले मीडिया वालों ने उन्हें घेर लिया। फिर क्या था जीपी सिंह को आनन फानन में गाड़ी में बैठाया गया। इसके बाद भी जब मीडिया वाले फोटो लेने की कोशिश करने लगे तब जीपी सिंह ने गाड़ी के कांच पर मफलर लगाने के लिए कह दिया और पुलिस के जवान ने ऐसा किया भी। इसके बाद जीपी सिंह चेहरा छुपाकर जैसे-तैसे कोर्ट से जेल के लिए रवाना हुए।
लोहे की जालियां लगाकर पुलिस वालों ने मीडिया को रोका
पुलिस को इस बात की आशंका थी कि जीपी सिंह कहीं मीडिया से बातचीत करके कोई बयान ना दे दें। पिछली पेशी के दौरान जीपी सिंह ने मीडिया में बयान देकर खुद को फंसाए जाने की बात कही थी। इस किरकिरी से बचने के लिए कोर्ट में खासतौर पर बैरिकेडिंग की गई थी।