मुजफ्फरपुर में 9 दिन में तीन हत्याएं करने वाले सीरियल किलर को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। उसने 9 दिन में 4 लोगों पर हमला किया था। इसमें एक की जान बच गई थी। तीन उसकी एक छोटी-सी जिद में जिंदगी से हाथ धो बैठे। उसे स्मैक की लत है। उस लत के लिए उसे लोगों से मोबाइल छीनना होता था। लोग ज्यादा पैसे लेकर नहीं निकलते हैं और 25-30 हजार का मोबाइल पांच-सात हजार में बिक जाता है। यही उसने मर्डर मोटिव बताया है। घटना को अंजाम देने के बाद वह मृतक का मोबाइल बेच देता था। उसी से स्मैक के लत को पूरा करता था। गिरफ्तार आरोपी अहियापुर थाना क्षेत्र के कोलहुआ पैगंबरपुर निवासी शिवचंद्र पासवान उर्फ भोला उर्फ भाला है। उसके पास से दो हत्याओं और एक हत्या के प्रयास के दौरान छीने गए मोबाइल को भी जब्त किया गया है। साथ ही, लोहे का दो सरिया और लकड़ी का हथियार बरामद किया गया है।
अपने ही क्षेत्र के लोगो को बनाता था निशानाइस मामले में एसएसपी राकेश कुमार ने बताया कि शिवचंद्र पासवान ने 30 अप्रैल को सुरेश पासवान को, 1 मई को मुस्तफा अंसारी और 8 मई को शंकर कुमार की हत्या की थी। इसके अलावा, मुस्तफा के साथ मो. दुलारे पर भी हमला किया गया था, जिसमें दुलारे गंभीर रूप से घायल हो गया था। उन्होंने बताया कि तीनों हत्याएं करीब एक ही पैटर्न हुई थी। वह अपने ही क्षेत्र के लोगों को निशाना बना रहा था। उसके खौफ से लोग रात के 9 बजे के बाद घर से निकलना छोड़ चुके थे।
मोबाइल के लोकेशन से हुई गिरफ़्तारी
तीनों हत्याओं की जांच के दौरान घटनास्थल से गायब तीन मोबाइलों का लोकेशन निकालना शुरू किया गया। इसी बीच तीनों मोबाइल का लोकेशन एक ही जगह दिख रहा था। लोकेशन के आधार पर छापेमारी की गई। मोबाइल रखने वाली एक महिला समेत तीन लोगों को गिरफ्तार किया गया। जब उन लोगों से पूछताछ की गई तो इसमें मोबाइल लेने वालों ने भोला से मोबाइल खरीदने की बात कही, जिसके बाद उसकी गिरफ्तारी की गई।
1 दिन का खर्च 1 हजार, पहचान छिपाने के लिए मर्डर
एसएसपी ने बताया कि आरोपी से पूछताछ के दौरान उसने बताया कि उसे स्मैक के नशे की लत थी। उस लत पूरा करने के लिए उसे रुपये की जरूरत थी। उसका एक दिन का खर्च करीब 1 हजार रुपये है। उस लत को पूरा करने के लिए वह मोबाइल और पैसे की चोरी-छिनतई करने लगा। अहियापुर इलाके में उसे पकड़े जाने का डर भी था। उसे डर था कि लोग उसे पहचान न लें। पहचान छिपाने के लिए वह लगातार हत्या कर रहा था। इसके बाद उसके मोबाइल को बेचकर स्मैक पीता था।
नशे के कारण काम छूटा, मां और पत्नी भी छोड़ी
एसएसपी का कहना है कि आरोपी के पिता की पहले ही मृत्यु हो चुकी है। वह लकड़ी बेचने का काम करता था। नशे के कारण उसकी नौकरी छूट गई। धीरे धीरे पैसे काम पड़ने पर वह मां के साथ मारपीट करने लगा। इससे परेशान होकर उसकी मां भी उसे छोड़कर चली गई। मां के जाने के बाद वह पत्नी से मारपीट करने लगा। कुछ दिनों बाद पत्नी भी घर से भाग गई। इसके बाद वह अकेले रहने लगा। पैसे जब खत्म हुए तो उसने पहले अपने कपड़ों को किलो के भाव के बेचा। फिर, अपना मोबाइल भी बेच दिया। जब इसके पास कुछ नहीं बचा तो हत्या करने लगा।