राजनीति, आरोप और सैन्य शौर्य: उत्तर प्रदेश में गरमाई सियासत
लखनऊ, 16 मई 2025, शुक्रवार। उत्तर प्रदेश की सियासत एक बार फिर गरमा गई है, जहां समाजवादी पार्टी (सपा) और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के बीच तीखी बयानबाजी ने राजनीतिक माहौल को और उत्तेजक बना दिया है। इस बार विवाद का केंद्र बिंदु है सपा के राष्ट्रीय महासचिव रामगोपाल यादव का बयान, जिसमें उन्होंने योगी आदित्यनाथ सरकार पर दलित, अल्पसंख्यक और पिछड़े वर्गों के साथ अत्याचार का आरोप लगाया। जवाब में, यूपी के कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने न केवल सपा पर पलटवार किया, बल्कि मायावती के “चीर हरण” का जिक्र कर सपा की पुरानी सियासत को भी कठघरे में खड़ा किया। इसके साथ ही, शाही ने भारतीय सेना के शौर्य और ऑपरेशन सिंदूर की सफलता का जिक्र कर देश की सैन्य ताकत को सलाम किया।
विवाद की शुरुआत: रामगोपाल यादव का बयान
रामगोपाल यादव ने योगी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि उत्तर प्रदेश में दलित, अल्पसंख्यक और पिछड़े वर्गों के साथ अत्याचार हो रहा है, और यह सब मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के “नाक के नीचे” हो रहा है। यह बयान न केवल योगी सरकार की कार्यशैली पर सवाल उठाता है, बल्कि सपा की उस रणनीति को भी दर्शाता है, जिसमें वह सामाजिक न्याय और वंचित वर्गों के मुद्दों को उठाकर अपनी सियासी जमीन मजबूत करने की कोशिश करती है। यादव का यह बयान यूपी में जातिगत समीकरणों को हवा देने वाला साबित हुआ, जिसने सत्तारूढ़ भाजपा को जवाब देने के लिए मजबूर कर दिया।
सूर्य प्रताप शाही का करारा जवाब
देवरिया में अपने निजी आवास पर पत्रकारों से बातचीत के दौरान कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने सपा पर तीखा हमला बोला। उन्होंने रामगोपाल यादव के बयान का जवाब देते हुए कहा, “उनके नाक के नीचे मायावती जी का चीर हरण किया जा रहा था, उस समय क्या कर रहे थे?” यह टिप्पणी सपा के उस कथित इतिहास की ओर इशारा करती है, जब 1995 में लखनऊ के स्टेट गेस्ट हाउस कांड में मायावती के साथ बदसलूकी की घटना हुई थी। शाही ने सपा पर आरोप लगाया कि वह हमेशा से जाति और सांप्रदायिक आधार पर राजनीति करती रही है और अब देश की सेना जैसे गंभीर मुद्दों पर भी अनावश्यक टिप्पणी कर रही है।
शाही ने सपा और कांग्रेस को देश की समस्याओं का मूल कारण बताते हुए कहा कि ये पार्टियां 72 वर्षों से देश को “नासूर” की तरह भुगतने के लिए मजबूर कर रही हैं। उन्होंने सपा पर सेना के हौसले को कमजोर करने और सैन्य अधिकारियों को जातिगत आधार पर बांटने का भी आरोप लगाया। यह बयान सपा के उस कथित बयान की ओर इशारा करता है, जिसमें रामगोपाल यादव ने सेना के एक अधिकारी पर विवादित टिप्पणी की थी।
ऑपरेशन सिंदूर और भारतीय सेना का शौर्य
विवादों के बीच, सूर्य प्रताप शाही ने भारतीय सेना की तारीफ में कोई कसर नहीं छोड़ी। उन्होंने हाल ही में हुए ऑपरेशन सिंदूर का जिक्र किया, जिसमें भारतीय सेना ने पहलगाम आतंकी हमले के जवाब में पाकिस्तान के एक दर्जन आतंकी ठिकानों को ध्वस्त किया और 7-8 हवाई अड्डों को नुकसान पहुंचाया। शाही ने कहा, “प्रधानमंत्री जी ने सेना को खुली छूट दी, जिसके परिणामस्वरूप यह ऑपरेशन सफल हुआ। यह भारत की सैन्य ताकत का प्रदर्शन है। मैं सेना के तीनों अंगों को सलाम करता हूं।” यह बयान न केवल सेना के प्रति सम्मान दर्शाता है, बल्कि भाजपा की उस छवि को भी मजबूत करता है, जिसमें वह राष्ट्रीय सुरक्षा को अपनी प्राथमिकता बताती है।