नई दिल्ली, 20 फरवरी 2025, गुरुवार। सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट के जज को लोक सेवक बताने वाले लोकपाल के फैसले पर रोक लगा दी है। यह फैसला जस्टिस बी गवइ की अध्यक्षता वाली तीन सदस्यीय स्पेशल बेंच ने लिया है। कोर्ट ने लोकपाल के फैसले पर हैरानी जताई और कहा कि यह न्यायपालिका की स्वतंत्रता से संबंधित एक महत्वपूर्ण मामला है।
कोर्ट ने शिकायतकर्ता को जज के नाम और शिकायत को सार्वजनिक करने पर भी रोक लगाई है और रजिस्ट्रार को निर्देश दिया है कि वह शिकायतकर्ता की पहचान उजागर न होने दे। इस मामले में केंद्र सरकार, लोकपाल रजिस्ट्रार और शिकायतकर्ता को नोटिस जारी किया गया है और मामले की सुनवाई 18 मार्च को तय की गई है।
यह मामला लोकपाल के सामने आया था, जिसमें एक हाईकोर्ट के जज के खिलाफ आरोप लगाया गया था कि उन्होंने एक एडिशनल डिस्ट्रिक्ट जज और एक हाईकोर्ट के जज के जरिए एक निजी कंपनी के पक्ष में मुकदमे को प्रभावित करने की कोशिश की। लोकपाल ने अपने फैसले में कहा था कि हाईकोर्ट और निचली अदालतों के जज उसके अधिकार क्षेत्र में आते हैं, लेकिन सुप्रीम कोर्ट के जजों को इससे छूट है क्योंकि वे ‘लोक सेवक’ नहीं हैं।