नई दिल्ली, 2 जनवरी 2025, गुरुवार। माफिया डॉन रहे मुख्तार अंसारी अपनी मौत के बाद भी लगाचार चर्चाओं में बने हुए हैं। अब सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश सरकार को मुख्तार अंसारी की मौत को लेकर आदेश जारी किए हैं। दरसल, माफिया मुख्तार अंसारी की जेल में हुई मौत पर सवाल उठाने वाली उनके बेटे उमर अंसारी की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में आज सुनवाई हुई। इस दौरान उमर अंसारी की ओर से पेश वकील कपिल सिब्बल ने कहा कि मुख्तार अंसारी की मौत की न्यायिक जांच तो हुई है, लेकिन अभी तक जांच रिपोर्ट उन्हें नहीं मिली है।
सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश सरकार को आदेश दिया है कि वह मुख्तार अंसारी की मेडिकल रिपोर्ट, मजिस्ट्रेट रिपोर्ट समेत मौत की न्यायिक जांच की रिपोर्ट 2 हफ्ते में उमर अंसारी को उपलब्ध कराए। बता दें कि पिछले साल मार्च महीने में मुख्तार अंसारी की तबीयत बिगड़ने के बाद उन्हें बांदा जिला जेल से रानी दुर्गावती मेडिकल कॉलेज ले जाया गया था, जहां दिल का दौरा पड़ने से उनकी मौत हो गई थी। मुख्तार अंसारी के परिजनों ने उन्हें जेल में धीमा जहर देने का आरोप लगाया था।
वहीं, मुख्तार अंसारी की मौत के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने बड़ा आदेश देते हुए उत्तर प्रदेश सरकार को दो सप्ताह के भीतर मेडिकल और जांच रिपोर्ट उपलब्ध कराने का आदेश दिया है। इसके साथ ही, उमर अंसारी को इन रिपोर्ट्स पर जवाब दाखिल करने के लिए तीन सप्ताह का समय दिया गया है।
बता दें कि मुख्तार अंसारी के बेटे उमर अंसारी ने दिसंबर 2023 में सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर अपने पिता को उत्तर प्रदेश के बाहर किसी अन्य जेल में स्थानांतरित करने की मांग की थी। उनका कहना था कि उनके पिता की जान को खतरा है। राज्य सरकार ने उस समय अदालत को आश्वासन दिया था कि यदि जरूरत पड़ी तो बांदा जेल में अंसारी की सुरक्षा को और मजबूत किया जाएगा।
मुख्तार अंसारी की मौत के बाद उनके भाई और गाज़ीपुर के सांसद अफजाल अंसारी ने आरोप लगाया था कि मुख्तार को जेल में “धीमा जहर” दिया जा रहा था। हालांकि, जेल प्रशासन ने इन आरोपों को खारिज कर दिया।