नई दिल्ली, 12 दिसंबर 2024, गुरुवार। सुप्रीम कोर्ट ने सरकारी वकीलों के अलग-अलग मामलों की सुनवाई से गायब रहने पर कड़ी नाराजगी जताई है। कोर्ट ने सख्त टिप्पणी करते हुए कहा कि हमें सरकारी अधिकारियों को यहां बुलाकर कोई खुशी नहीं मिलती है। यह मामला एक दिव्यांग मेडिकल अभ्यर्थी के प्रवेश को लेकर दायर याचिका से जुड़ा है, जिसमें सरकार के लापरवाह रवैये पर न्यायमूर्ति बीआर गवई और न्यायमूर्ति केवी विश्वनाथन की पीठ ने चिंता जताई।
कोर्ट ने कहा कि अदालत को अधिकारियों को बुलाने में खुशी नहीं होती। जब प्रक्रिया के तहत नोटिस दिए जाने के बाद भी वकील उपस्थित नहीं होते हैं, हमें ऐसा करने के लिए मजबूर होना पड़ता है। कोर्ट ने यह भी कहा कि जब मामला दिव्यांग व्यक्तियों से संबंधित होता है तो हम जवाब की अपेक्षा करते हैं। सरकार के पास बहुत सारे पैनल वकील हैं। आप कुछ अदालतों को पैनल वकील क्यों नहीं सौंपते, ताकि कम से कम जब किसी की सहायता की आवश्यकता हो, तो कोई तुरंत वहां पहुंच सके।
इस मामले में कोर्ट ने दिव्यांग अभ्यर्थी को राजस्थान के एक सरकारी मेडिकल कॉलेज में दाखिला देने का निर्देश दिया।