नई दिल्ली, 10 जनवरी 2025, शुक्रवार। सुप्रीम कोर्ट ने इलाहाबाद हाईकोर्ट की केस लिस्टिंग व्यवस्था पर गहरी चिंता व्यक्त की है। कोर्ट ने कहा है कि इलाहाबाद हाईकोर्ट में लास्टिंग व्यवस्था पूरी तरह चरमरा गई है, जिससे काम करना मुश्किल हो गया है। यह टिप्पणी मुख्तार अंसारी के बेटे अब्बास अंसारी की याचिका पर सुनवाई के दौरान की गई थी।
अब्बास अंसारी की याचिका पर सुनवाई के दौरान, जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस एन कोटिश्वर सिंह की पीठ ने कहा कि इलाहाबाद हाईकोर्ट में केस लिस्टिंग व्यवस्था पूरी तरह से ध्वस्त हो गई है। उन्होंने कहा कि कोई नहीं जानता कि कौन सा केस कब लिस्टिंग होने वाला है। यह स्थिति बहुत चिंताजनक है।
इस दौरान, अब्बास अंसारी के वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने कहा कि वह भी इस मामले पर टिप्पणी नहीं करना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि हालात काफी चिंताजनक हैं और इलाहाबाद हाईकोर्ट में केस लिस्टिंग व्यवस्था को सुधारने की जरूरत है।
कपिल सिब्बल ने यह भी कहा कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बावजूद, इलाहाबाद हाईकोर्ट में अब्बास अंसारी की याचिका पर सुनवाई नहीं हो रही है। उन्होंने कहा कि ऐसे में नागरिकों को न्याय पाने में काफी मुश्किलें होती हैं।
इस मामले में, सुप्रीम कोर्ट ने इलाहाबाद हाईकोर्ट को अब्बास अंसारी की याचिका पर जल्द सुनवाई करने का आदेश दिया है। साथ ही, लखनऊ के जियामऊ में विवादित जमीन पर प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत गरीबों के लिए मकान बनाने पर यथास्थिति बनाए रखने का आदेश दिया है। अब्बास अंसारी ने इस जमीन पर अपने स्वामित्व का दावा किया है।