दुष्कर्म के मामले में जेल में सजा काट रहे आसाराम बापू को सुप्रीम कोर्ट से राहत नहीं मिली है। सुप्रीम कोर्ट ने आसाराम को अंतरिम जमानत देने से इनकार कर दिया है। हालांकि, शीर्ष कोर्ट ने इस बात का परीक्षण करने का फैसला लिया है क्या दुष्कर्म मामले में उम्रकैद की सजा काट रहे आसाराम बापू को राजस्थान के आयुर्वेदिक अस्पताल में इलाज के लिए शिफ्ट किया जा सकता है या नहीं? बता दें कि कोरोना से पीड़ित हो चुके आसाराम ने आग्रह किया है कि उन्हें एलोपैथिक दवाओं के सहारे न रखा जाए। इस संबंध में सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार तक राज्य को इस संबंध में पक्ष रखने के लिए कहा है और अब मंगलवार को इस मामले की सुनवाई होगी। वहीं सुप्रीम कोर्ट ने इस संबंध में राज्य सरकार से जवाब मांगा है।
आसाराम के वकील सिद्धार्थ लूथरा ने सुप्रीम कोर्ट से कहा कि सीटी स्कैन से पता चलता है कि आसाराम के फेफड़ों को 38 फीसीदी नुकसान हुआ है और उन्हें वायरल निमोनिया है। साथ ही उन्हें गैस्ट्रो-आंत्र रोगों से पीड़ित और ऑक्सीजन की समस्या है। बता दें कि आसाराम बापू साल 2013 से जोधपुर की सेंट्रल जेल में सजा काट रहा है।
पहले भी अंतिरम जमानत के लिए लगाई थी अर्जी
इससे पहले भी आसाराम बापू ने राजस्थान हाईकोर्ट में जमानत याचिका दायर की थी लेकिन हाईकोर्ट ने अंतरिम जमानत याचिका खारिज कर दी थी। आसाराम बापू स्वास्थ्य के आधार पर अंतरिम जमानत याचिका की मांग कर रहा था। कोरोना से संक्रमित होने के बाद आसराम को एम्स में भर्ती किया गया था।
2013 से काट रहा है आजीवन कारावास की सजा
दुष्कर्म के मामले में दोषी पाया गया था और उसके बाद से आसाराम बापू आजीवन कारावास की सजा काट रहा है। 2013 से ही आसाराम जोधपुर की सेंट्रल जेल में सजा काट रहा है और कई बार बीमारी के बहाने उसने कोर्ट में अंतरिम जमानत याचिका पेश किया था। लेकिन आज तक ट्रायल कोर्ट से लेकर हाईकोर्ट ने आसाराम बापू की सभी कोशिशें नाकाम रही हैं।
साल 2018 में आसाराम बापू को उम्रकैद की सजा सुनाई गई थी। एक अदालत ने आसाराम बापू को अपने आश्रम में लड़की से बलात्कार को दोषी पाया था। लड़की नाबालिग थी और उसने आरोप लगाया था कि आसाराम ने जोधपुर के पास मणाई इलाके में अपने आश्रम में बुलाया था और 15 अगस्त 2013 को लड़की के साथ दुष्कर्म किया था।