नई दिल्ली, 18 मार्च 2025, मंगलवार। सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को चुनाव आयोग के उस प्रस्ताव पर विचार किया, जिसमें आयोग ने कहा कि वह अपनी वेबसाइट पर बूथ स्तर के मतदान प्रतिशत के आंकड़े अपलोड करने की मांग पर चर्चा करने को तैयार है। कोर्ट ने इस मामले में याचिकाकर्ताओं को निर्देश दिया कि वे 10 दिनों के भीतर चुनाव आयोग के सामने अपना पक्ष रखें।
यह सुनवाई मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना, जस्टिस संजय कुमार और जस्टिस के.वी. विश्वनाथन की बेंच कर रही थी। मामला तृणमूल कांग्रेस की सांसद महुआ मोइत्रा और गैर-सरकारी संगठन ‘एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स’ द्वारा दायर दो जनहित याचिकाओं से जुड़ा है। इन याचिकाओं में मांग की गई थी कि चुनाव आयोग को लोकसभा और विधानसभा चुनावों के बाद 48 घंटे के भीतर बूथवार मतदान डेटा अपनी वेबसाइट पर प्रकाशित करने का आदेश दिया जाए।
चुनाव आयोग की ओर से वरिष्ठ वकील मनिंद्र सिंह ने कोर्ट को बताया कि नए मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार याचिकाकर्ताओं से मिलने और उनकी शिकायतों पर विचार करने को तैयार हैं। उन्होंने कहा कि याचिकाकर्ता मुख्य चुनाव आयुक्त से मिल सकते हैं और इस मुद्दे पर चर्चा हो सकती है।
मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि चुनाव आयोग के वकील ने सुझाव दिया है कि याचिकाकर्ता, यानी एनजीओ और सांसद, आयोग के सामने अपना प्रतिवेदन पेश कर सकते हैं। आयोग उनकी बात सुनेगा और इस बारे में पहले से सूचना देगा। कोर्ट ने प्रतिवेदन 10 दिनों में जमा करने का निर्देश दिया।
पिछले साल 17 मई को सुप्रीम कोर्ट ने इन याचिकाओं पर चुनाव आयोग से जवाब मांगा था। उस समय आयोग ने एनजीओ की मांग का विरोध करते हुए कहा था कि इससे चुनावी माहौल पर बुरा असर पड़ सकता है।