केंद्र द्वारा मामले में तत्काल सुनवाई की मांग के बाद सुप्रीम कोर्ट बुधवार को NEET-PG प्रवेश के संबंध में आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (EWS) कोटा से संबंधित याचिका पर सुनवाई के लिए सहमत हो गया है। प्रधान न्यायाधीश (सीजेआई) एनवी रमण और जस्टिस सूर्य कांत और जस्टिस हेमा कोहली की पीठ ने केंद्र की ओर से अदालत में पेश हुए सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता की दलीलों पर ध्यान दिया कि मामला पोस्ट ग्रेजुएट मेडिकल पाठ्यक्रमों के लिए प्रवेश प्रक्रिया से संबंधित है और छात्रों को कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। अत: इस पर जल्द सुनवाई जरूरी है। इस पर प्रधान न्यायाधीश ने कहा, अगर यह तीन जजों की पीठ का मामला है, तो इसे बुधवार को तीन जजों की पीठ के सामने सूचीबद्ध किया जाएगा।
स्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की पीठ करेगी सुनवाई
इससे पहले सोमवार को जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ ने केंद्र सरकार से कहा था कि सीजेआई द्वारा ही तीन सदस्यीय पीठ का गठन किया जा सकता है क्योंकि ईडब्ल्यूएस कोटा मामले की सुनवाई तीन न्यायाधीशों की पीठ कर रही है। इसलिए, वे मामले को एक-दो दिन में सुनवाई के लिए सूचीबद्ध करने का आग्रह करेंगे।
FORDA के बैनर तले देश भर में हो रहे थे प्रदर्शन
नीट-पीजी काउंसलिंग में देरी को लेकर दिल्ली और देश के अन्य हिस्सों में फेडरेशन ऑफ रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन (FORDA) के बैनर तले विभिन्न अस्पतालों के रेजिडेंट डॉक्टरों द्वारा बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन किया गया है, जिसे जल्द सुनवाई के आश्वासन पर फिलहाल स्थगित कर दिया गया है। देरी का कारण सुप्रीम कोर्ट में विचारधीन ईडब्ल्यूएस कोटा और ओबीसी आरक्षण कोटे की ऊपरी आय सीमा के प्रावधान बने हैं। केंद्र को ईडब्ल्यूएस कोटा के निर्धारण के लिए मानदंड पर फिर से विचार करने का निर्णय लेना पड़ा है।
NEET पीजी काउंसलिंग : ₹8 लाख वार्षिक आय सीमा रहेगी बरकरार
इससे पहले केंद्र सरकार ने NEET पीजी काउंसलिंग और प्रवेश प्रक्रिया के संबंध में आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों (EWS) के निर्धारण के लिए ₹8 लाख वार्षिक आय सीमा के मौजूदा मानदंड को बरकरार रखने का निर्णय किया है। सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में 02 जनवरी को दायर किए हलफनामे में, शीर्ष अदालत को सूचित किया कि मानदंडों के पुनर्मूल्यांकन के लिए सरकार द्वारा गठित एक विशेषज्ञ समिति ने सुझाव दिया कि मौजूदा मानदंडों को इस साल की काउंसलिंग और प्रवेश के लिए जारी रखा जा सकता है, जबकि समिति द्वारा सुझाए गए संशोधित मानदंडों को अगले प्रवेश चक्र यानी नीट 2022 से अपनाया जा सकता है।