चमोली, उत्तराखण्ड, 20 मई 2025, मंगलवार: उत्तराखण्ड सरकार के प्रयासों से स्थानीय किसानों और पशुपालकों की आजीविका को बढ़ावा देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया गया है। भारतीय सेना अब पशुपालन विभाग के माध्यम से प्रदेश के स्थानीय किसानों से भेड़, बकरी और पोल्ट्री उत्पाद खरीदेगी। इस पहल के तहत पहली खेप सोमवार को चमोली जनपद से भारतीय सेना की अग्रिम चौकियों माणा और मलारी के लिए रवाना की गई। मुख्य विकास अधिकारी डॉ. अभिषेक त्रिपाठी ने जोशीमठ से आपूर्ति वाहनों को झंडी दिखाकर रवाना किया।

पहले चरण में पोल्ट्री उत्पादों की आपूर्ति शुरू की गई है, जिसमें स्थानीय पशुपालक गुलशन सिंह राणा और सौरभ नेगी ने माणा और मलारी चौकियों के लिए उत्पाद उपलब्ध कराए। इस पहल का उद्देश्य स्थानीय स्तर पर उत्पादन बढ़ाने के साथ-साथ पशुपालकों को सुदृढ़ बाजार व्यवस्था और उचित मूल्य के साथ नियमित भुगतान सुनिश्चित करना है।

पशुपालन विभाग ने पहले आईटीबीपी के साथ एक एमओयू किया था, जिसके सकारात्मक परिणाम सामने आए। अब भारतीय सेना के साथ यह नई पहल वाइब्रेंट विलेज योजना को गति देगी। इससे सीमावर्ती गांवों के पशुपालकों को अतिरिक्त आय का स्रोत मिलेगा और युवाओं को स्थानीय स्तर पर रोजगार के अवसर प्राप्त होंगे। यह कदम ग्रामीण पलायन को रोकने में भी सहायक होगा।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इस पहल को आत्मनिर्भर भारत की दिशा में एक मजबूत कदम बताते हुए कहा, “यह ऐतिहासिक पहल वाइब्रेंट विलेज योजना को नई दिशा देगी और पलायन की समस्या को कम करने में मदद करेगी। हमारे पशुपालकों को स्थायी बाजार मिलेगा।”

इस अवसर पर मुख्य पशुचिकित्सा अधिकारी डॉ. अशीम देब, उप मुख्य पशुचिकित्सा अधिकारी डॉ. पुनीत भट्ट और अन्य अधिकारी उपस्थित रहे। यह पहल न केवल स्थानीय अर्थव्यवस्था को मजबूत करेगी, बल्कि सीमावर्ती क्षेत्रों में आत्मनिर्भरता को भी बढ़ावा देगी।