वाराणसी, 26 अप्रैल 2025, शनिवार। काशी, जहां गंगा की लहरें और महादेव का आशीर्वाद हर पल महसूस होता है, वहां शनिवार को सूरज ने अपनी तीखी तपिश से सबको झुलसा दिया। तापमान 44 डिग्री सेल्सियस को छू गया, और आसमान से बरसती आग की किरणों ने काशी को तंदूर-सा बना दिया। हवा, जो महज 11-12 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से चली, वो भी गर्म लू बनकर चेहरों को झुलसाती रही।
सुबह से ही सूरज की चमक आंखों को चौंधिया रही थी। दोपहर दो बजे तक पारा सामान्य से 4.3 डिग्री ज्यादा उछलकर 44 डिग्री पर जा पहुंचा। बाहर कदम रखना मानो आग के दरिया में उतरने जैसा था। न्यूनतम तापमान भी 21.6 डिग्री सेल्सियस के साथ सामान्य से 1.5 डिग्री कम रहा, लेकिन गर्मी का कहर कम न हुआ। बंगाल की खाड़ी से आने वाली नम पुरवा हवा ने हल्की नमी तो बढ़ाई, मगर राहत की जगह उमस का एहसास और जोड़ा।
मौसम विभाग ने चेतावनी दी है कि रविवार को भी सूरज का तेवर तीखा रहेगा, लेकिन उम्मीद की किरण भी है। अगर पुरवा हवा समय पर दस्तक देती है, तो धूल भरी आंधी, गरजते-चमकते बादल और हल्की बूंदाबांदी काशीवासियों को गर्मी से थोड़ा निजात दिला सकती है। बीएचयू के मौसम विज्ञानी प्रो. मनोज कुमार श्रीवास्तव के मुताबिक, बंगाल की खाड़ी से उठी नम हवा अगर हिमालय की तलहटी से टकराकर काशी पहुंचती है, तो रविवार या सोमवार को मौसम करवट ले सकता है। पुरवा और पछुआ हवाओं के संगम से बादल गरजेंगे, आंधी चलेगी और तापमान में हल्की गिरावट आएगी। यह बदलाव दो दिन तक कायम रह सकता है।
फिलहाल, काशी की गलियों में सूरज की तपिश ने हर किसी को बेचैन कर रखा है। गंगा घाटों पर छांव तलाशते लोग, पसीने से तरबतर चेहरे, और ठंडे पानी की तलाश इस गर्मी की कहानी बयां कर रहे हैं। लेकिन काशीवासियों का हौसला भी कम नहीं—महादेव के शहर में हर चुनौती को मुस्कान के साथ जीने का जज्बा जो है!