वाराणसी, 7 जून 2025, शनिवार: काशी की बेटी सुमेधा पाठक ने दक्षिण कोरिया की धरती पर तिरंगे का परचम लहरा दिया! विश्व पैरा शूटिंग चैंपियनशिप में 10 मीटर पिस्टल टीम स्पर्धा में नया विश्व रिकॉर्ड कायम करते हुए स्वर्ण पदक पर कब्जा जमाया। इतना ही नहीं, व्यक्तिगत 10 मीटर पिस्टल स्पर्धा में भी सुनहरा तमगा और मिश्रित स्पर्धा में कांस्य पदक जीतकर सुमेधा ने साबित कर दिया कि हौसले की उड़ान को कोई रोक नहीं सकता।
17 पदकों की चमक, यूपी की पहली पैरा शूटर बनीं सुमेधा
इस ऐतिहासिक जीत के साथ सुमेधा के खाते में अब 17 पदक आ चुके हैं, और वह उत्तर प्रदेश की पहली महिला पैरा शूटर बन गई हैं, जिन्होंने यह गौरव हासिल किया। अपनी इस कामयाबी का श्रेय सुमेधा ने बाबा काशी विश्वनाथ की कृपा, अपने माता-पिता और कोच के मार्गदर्शन को दिया। “विदेशी धरती पर स्वर्ण जीतना मेरा सपना था, जो बाबा की कृपा से पूरा हुआ,” सुमेधा ने गर्व के साथ कहा। 10 मीटर टीम स्पर्धा में 1695 अंकों के साथ विश्व रिकॉर्ड बनाकर सुमेधा ने कोरिया को दूसरा और चीनी ताइपे को तीसरा स्थान लेने पर मजबूर कर दिया।
जुझारू सुमेधा की प्रेरक कहानी
सुमेधा की जिंदगी किसी प्रेरणा से कम नहीं। साल 2013 में, जब वह 10वीं कक्षा में थीं, मल्टी ड्रग ट्यूबरकुलोसिस ने उनके कमर से नीचे के हिस्से को लकवाग्रस्त कर दिया। लेकिन सुमेधा ने हार नहीं मानी। 11वीं कक्षा से ही उन्होंने 10 मीटर एयर पिस्टल में निशानेबाजी शुरू की और मेहनत के दम पर चमक बिखेरी। 2018 में प्री-स्टेट चैंपियनशिप में स्वर्ण, मद्रास में जीवी मावलंकर में कांस्य, 2021 में द्वितीय पैरा नेशनल में स्वर्ण, और तीसरी-चौथी पैरा नेशनल में तीन स्वर्ण पदक जीतकर उन्होंने अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाया। 2022 में फ्रांस के सेटोरेक्स विश्व कप और कोरिया में रजत, फिर 2023 में चीन के एशियाई खेलों में फाइनल तक का सफर—सुमेधा की कहानी हर कदम पर प्रेरित करती है।
काशी में होगा सुमेधा का भव्य स्वागत
दक्षिण कोरिया में देश का नाम रोशन कर सुमेधा आज, 7 जून 2025 को, शनिवार की शाम दिल्ली से इंडिगो की फ्लाइट से बाबतपुर हवाई अड्डे पर काशी की धरती पर कदम रखेंगी। वाराणसी के महापौर अशोक तिवारी और शहरवासी फूल-मालाओं के साथ इस विजयी बेटी का जोरदार स्वागत करेंगे। सुमेधा के पिता बृजेश पाठक ने बताया कि शहर के कई स्थानों पर सुमेधा का अभिनंदन होगा।
सुमेधा पाठक की यह कहानी सिर्फ एक जीत की नहीं, बल्कि हौसले, लगन और सपनों की उड़ान की है। काशी की यह बेटी हर उस इंसान के लिए प्रेरणा है, जो मुश्किलों के आगे हार मान लेता है। सुमेधा, तुम पर गर्व है!