नई दिल्ली, 3 दिसंबर 2024, मंगलवार। अकाल तख्त ने शिरोमणि अकाली दल और उसकी सरकार द्वारा की गई ‘गलतियों’ के लिए सुखबीर सिंह बादल को ‘तनखैया’ धार्मिक सजा सुनाई है। उन्हें अमृतसर के स्वर्ण मंदिर में सेवादार के तौर पर बर्तन और जूते साफ करने का आदेश दिया गया है।
सुखबीर सिंह बादल को 3 दिसंबर से 2 दिन के लिए श्री दरबार साहिब (गोल्डन टेंपल) के घंटाघर के बाहर ड्यूटी करनी होगी। बताया जा रहा है कि वो ये ड्यूटी व्हीलचेयर पर बैठ कर देंगे। सजा के दौरान सुखबीर सिंह बादल के गले में अकाल तख्त की और से पहनाई गई माफी की तख्ती और हाथ में बरछा रहेगा।
सुखबीर सिंह बादल ने अपनी गलतियां स्वीकार कीं: अकाल तख्त की सजा के बाद व्हीलचेयर पर बैठकर करेंगे ड्यूटी!
सुखबीर सिंह बादल को अकाल तख्त की ओर से सजा सुनाई गई है। उन्हें 2 दिन श्री केशगढ़ साहिब, 2 दिन श्री दमदमा साहिब तलवंडी साबो, 2 दिन श्री मुक्तसर साहिब और 2 दिन श्री फतेहगढ़ साहिब में सेवादारों वाला चोला पहनकर हाथ में बरछा लेकर ड्यूटी करनी होगी। इसके अलावा, उन्हें श्री दरबार साहिब (गोल्डन टेंपल) के घंटाघर के बाहर ड्यूटी करनी होगी। इस दौरान उनके गले में तख्ती और हाथ में बरछा रहेगा। यह सजा उन्हें 2 दिन के लिए दी गई है। सुखबीर सिंह बादल ने अपनी गलतियां स्वीकार की हैं और माना है कि उनसे गलती हुई है। इसमें डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम सिंह को माफ करने के आरोप भी शामिल रहे।
इस्तीफा मंजूर करने का निर्देश
इसके अलावा अमृतसर में अकाल तख्त के ‘फसील’ (मंच) से फैसला सुनाते हुए सिखों के सर्वोच्च तख्त के जत्थेदार ज्ञानी रघबीर सिंह ने शिरोमणि अकाली दल की कार्यकारिणी को पार्टी अध्यक्ष पद से सुखबीर बादल का इस्तीफा मंजूर करने का निर्देश भी दिया।