प्रयागराज, 13 नवंबर 2024, बुधवार। उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (यूपीपीसीएस) के बाहर छात्रों का आंदोलन दूसरे दिन भी जारी रहा। छात्र यूपीपीसीएस और आरओ/एआरओ की प्रारंभिक परीक्षाओं को एक से अधिक दिन और पालियों में कराने के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं। छात्रों ने आयोग के गेट पर “न बटेंगे, न हटेंगे, जुड़ेंगे और जीतेंगे” का पोस्टर लहराया और अपने मंसूबों को जाहिर किया। हजारों छात्र पिछले दो दिनों से आयोग के बाहर डटे हुए हैं।
जिलाधिकारी रविंद्र कुमार मांदड़ और लोक सेवा आयोग के सचिव अशोक कुमार ने आंदोलित प्रतियोगी छात्रों से वार्ता के लिए पहुंचे, लेकिन उनकी अपील का कोई असर नहीं हुआ। छात्रों ने एक से अधिक दिन परीक्षा कराने की नोटिस निरस्त करने की मांग पर अड़े रहे। छात्रों ने आयोग के अध्यक्ष संजय श्रीनेत के पुतले की यात्रा निकाली और आयोग के गेट पर लूट सेवा आयोग लिख दिया। अध्यक्ष की तस्वीर भी चस्पा कर दी गई। शाम को फिर मोबाइल की फ्लैश लाइट जलाकर प्रतियोगियों ने एकजुटता का प्रदर्शन किया। देररात तक छात्र-छात्राएं धरनास्थल पर डटे रहे। यह आंदोलन छात्रों की एकजुटता और संघर्ष का प्रतीक है। छात्र अपनी मांगों के लिए अडिग हैं और आयोग के निर्णय को वापस लेने की मांग पर अड़े हुए हैं।
पीसीएस और आरओ/एआरओ प्रारंभिक परीक्षा में नॉर्मलाइजेशन के विरोध में छात्र-छात्राएं सड़क पर
उत्तर प्रदेश में प्रतियोगी छात्रों ने पीसीएस और आरओ/एआरओ प्रारंभिक परीक्षा में नॉर्मलाइजेशन के विरोध में सड़क पर उतरकर धरना दिया। छात्राएं भी इस आंदोलन में कंधे से कंधा मिलाकर शामिल हुईं। जौनपुर की प्रिया सिंह ने कहा कि आयोग का नॉर्मलाइजेशन का फैसला अवैज्ञानिक है। प्रतापगढ़ की बबिता मौर्य ने कहा कि नॉर्मलाइजेशन से आम अभ्यर्थियों को नुकसान होगा। प्रयागराज की खुशबू पटेल ने कहा कि परीक्षा एक दिन में ही होनी चाहिए। मिर्जापुर की नेहा गुप्ता ने कहा कि आयोग को अपने फैसले पर पुनः विचार करना चाहिए। छात्र-छात्राएं आयोग के फैसले के विरोध में दिन-रात धरने पर बैठे हुए हैं। उनका कहना है कि जब तक नॉर्मलाइजेशन की व्यवस्था समाप्त नहीं हो जाती, वे हटने को तैयार नहीं हैं।