नवरात्र विशेष: साहसिक पर्यटन मे दिखेंगी उत्तराखण्ड की दमदार लड़कियाँ, राफ्टिंग कराने के लिए तैयार हैं बेटियां

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14 महिलाओं ने हासिल किया व्वाइट वॉटर रिवर राफ्टिंग गाईड सर्टिफिकेट

तीन महीने के प्रशिक्षण के बाद अब गंगा की लहरों पर अटखेलियाँ करेंगी और पर्यटकों को करायेंगी सैर

देहरादून, 5 अक्टूबर 2024 , शनिवार

उत्तराखण्ड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अपने बयान में कहा था कि उत्तराखण्ड में साहसिक पर्यटन के क्षेत्र में रोजगार की अपार संभावनाएं हैं, उनके इस बयान के बाद उत्तराखंड की महिलाओं ने साहसिक पर्यटन में अपने सहसपुर कदम बढ़ाये । उत्तराखण्ड के साहसिक पर्यटन में ऋषिकेश की राफ्टिंग का लुत्फ़ हर कोई उठाना चाहता है क्योंकि अब बड़ी संख्या में महिला पयर्टक भी राफ्टिंग के लिए उत्तराखण्ड आ रही हैं। ऐसे में फ़ीमेल पर्यटकों को कम्फर्ट ज़ोन देने के लिए उत्तराखण्ड में महिलाओं को भी बतौर राफ्ट गाईड प्रशिक्षण दिया जा रहा है। अच्छी बात है कि महिलाओं ने इसके लिए रुचि भी दिखाई है । जिनमें से पहले फ़ीमेल राफ्ट गाइड के तौर पर कुछ महिलाओं धानी सरकार की तरफ़ से सर्टिफिकेट दिया गया है । माना जा रहा है कि नवरात्र के इस पावन अवसर पर शक्ति स्वरूपा मातृशक्ति के रूप में यह उत्तराखण्ड की बेटियों और महिलाओं को सशक्त बनाने की दिशा में अहम कदम साबित होगा।
उत्तराखण्ड की बेटियां जल्द ही ऋषिकेश में गंगा नदी पर पर्यटकों को राफ्टिंग कराती नजर आएंगी। इसके लिए पर्यटन विभाग की ओर से 14 महिलाओं को व्वाइट वॉटर रिवर रॉफ्टिंग गाइड का प्रशिक्षण दिया गया है। जो अब पंजीकरण प्रक्रिया पूरी होने के बाद, बतौर प्रोफेशनल राफ्टिंग गाईड अपना करियर शुरू करने को तैयार हैं।
ऋषिकेश हाल के समय में राफ्टिंग के प्रमुख केंद्र के रूप में उभरा है, यहां हर साल पांच लाख से अधिक पयर्टक राफ़्टिंग के लिए आ रहे हैं, इस तरह राफ्टिंग गतिविधि, कारोबार के साथ ही रोजगार का भी जरिया बन रही है। लेकिन अब तक राफ्टिंग गाइड का काम पूरी तरह पुरूष ही कर रहे थे। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर पहली बार उत्तराखंड पर्यटन विभाग ने महिलाओं को रिवर राफ्टिंग गाइड का प्रशिक्षण दिया है। इसके बाद पयर्टन विभाग ने चुनिंदा 14 महिलाओं को अप्रैल से जून के बीच तीन महीने का निशुल्क प्रशिक्षण दिया। इसमें प्रशिक्षण के साथ ही रहने खाने का खर्च भी पर्यटन विभाग की ओ
सफलता की कहानी महिला राफ्टिंग गाइड की ज़ुबानी

पौड़ी जिले में सिरांसू गांव निवासी प्रियंका राणा, वर्तमान में बीबीए कर रही हैं, प्रियंका क्याकिंग एथलीट हैं। प्रियंका बताती हैं कि उनके गांव के पास बड़ी संख्या में राफ्टिंग होती है, ऐस में जब उन्हे उत्तराखंड सरकार के अधीन महिलाओं को राफ्टिंग गार्डड का प्रशिक्षण दिए जाने की जानकारी मिली तो उन्होंने इसमें अपना पंजीकरण कर लिया। प्रियंका इसके लिए पुष्कर सिंह धामी सरकार का आभार व्यक्त करते हुए कहती हैं कि अब बतौर राफ्टिंग गाईड अपना करियर बनाना चाहती हैं।

रामनगर निवासी कामाक्षी गोयल वर्तमान में गोवा की नॉटिकल कंपनी में काम कर रही हैं। कामाक्षी बताती हैं कि वो पहले से ही वाइट वॉटर फील्ड में जॉब कर रही थी, इसलिए उन्होंने स्किल बढाने के लिए राफ्टिंग प्रशिक्षण लिया। इसके लिए उत्तराखण्ड सरकार की ओर से तीन महीने का प्रशिक्षण के साथ ही रहने खाने की सुविधा निशुल्क मिली। कामाक्षी इसे महिला सशक्तिकरण की दिशा में बडा प्रयास करार दे रही हैं।

ऋषिकेश निवासी मुस्कान भी पहले बैच में प्रशिक्षण प्राप्त कर चुकी हैं। मुस्कान अभी ऋषिकेश से ग्रैज्यूएशन कर रही हैं, मुस्कान बताती हैं कि तीन महीने तक उन्हें विदेशी प्रशिक्षकों ने रिवर राफ्टिंग की ट्रेनिंग दी, इस दौरान एक हफ्ते तक उन्होंने देवप्रयाग से लेकर ऋषिकेश तक गंगा में राफ्टिंग भी की, पूरी तरह महिलाओं के द्वारा संचालित यह अभियान लाजवाब था, मुस्कान अब इसी क्षेत्र में करियर बढ़ाना चाहती हैं, वो इसके लिए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का आभार व्यक्त कर रही हैं।

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