पहलगाम आतंकवादी हमला: एक त्रासदी जिसने हिलाया कश्मीर की वादियों को
नई दिल्ली, 23 अप्रैल 2025, बुधवार। मंगलवार, 22 अप्रैल 2025 की दोपहर, जब कश्मीर की खूबसूरत वादियों में बसे पहलगाम के बैसरण मीडो में पर्यटक प्रकृति की गोद में सुकून के पल बिता रहे थे, एक भयावह आतंकवादी हमले ने इस शांत तस्वीर को खून से रंग दिया। इस हमले में 26 लोगों की जान चली गई, जिनमें दो विदेशी नागरिक (संयुक्त अरब अमीरात और नेपाल से) और दो स्थानीय लोग शामिल थे। यह हमला, जो कश्मीर घाटी में 2019 के पुलवामा हमले के बाद सबसे घातक माना जा रहा है, ने न केवल भारत को, बल्कि पूरी दुनिया को स्तब्ध कर दिया।
हमले का भयावह मंजर
बैसरण मीडो, जिसे ‘मिनी स्विट्जरलैंड’ के नाम से जाना जाता है, पर्यटकों के बीच अपनी मनोरम सुंदरता के लिए मशहूर है। इस क्षेत्र में सड़क मार्ग की कमी के कारण यह केवल पैदल या घोड़ों के जरिए पहुंचा जा सकता है। दोपहर करीब 2:30 बजे, सैन्य वर्दी में आए 4 से 6 आतंकवादियों ने घने जंगलों से निकलकर अंधाधुंध गोलीबारी शुरू कर दी। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, हमलावरों ने पहले पर्यटकों से उनके नाम पूछे और कुछ को इस्लामी कलमा पढ़ने के लिए कहा, जिसके आधार पर उन्होंने गैर-मुस्लिम पुरुषों को निशाना बनाया। एक महिला पर्यटक ने बताया कि हमलावरों ने उसे इसलिए छोड़ दिया ताकि वह इस “खौफनाक मंजर” को दुनिया के सामने बयां कर सके।
हमले में भारतीय नौसेना के 26 वर्षीय लेफ्टिनेंट विनय नरवाल, जो हाल ही में शादी के बाद छुट्टियां मना रहे थे, और खुफिया ब्यूरो के एक अधिकारी भी शहीद हुए। इसके अलावा, कर्नाटक, महाराष्ट्र, गुजरात, पश्चिम बंगाल, ओडिशा, और उत्तर प्रदेश जैसे राज्यों के पर्यटक इस त्रासदी का शिकार बने।
तत्काल प्रतिक्रिया और गृह मंत्री का दौरा
हमले की खबर मिलते ही भारत सरकार ने त्वरित कार्रवाई शुरू की। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, जो उस समय सऊदी अरब की यात्रा पर थे, ने अपनी यात्रा बीच में ही रद्द कर दी और बुधवार सुबह दिल्ली लौट आए। उन्होंने राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोवल और विदेश मंत्री एस. जयशंकर के साथ आपात बैठक की। दूसरी ओर, गृह मंत्री अमित शाह मंगलवार शाम ही श्रीनगर पहुंचे और उन्होंने स्थिति का जायजा लिया।
बुधवार को, शाह ने बैसरण मीडो का दौरा किया, जहां उन्होंने मृतकों को श्रद्धांजलि दी और पीड़ित परिवारों से मुलाकात की। श्रीनगर के पुलिस कंट्रोल रूम में आयोजित एक समारोह में उन्होंने मृतकों के शवों पर पुष्पांजलि अर्पित की। शाह ने अपने बयान में कहा, “भारत आतंक के सामने कभी नहीं झुकेगा। इस कायरतापूर्ण हमले के दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा।” उन्होंने पीड़ित परिवारों को हर संभव सहायता का आश्वासन दिया।
जम्मू-कश्मीर सरकार और सुरक्षा बलों की कार्रवाई
जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने इस हमले को “अमानवीय” और “निंदनीय” बताते हुए पीड़ितों के प्रति संवेदना व्यक्त की। उन्होंने कहा कि यह हमला पर्यटकों पर केंद्रित सबसे बड़ा हमला है, जिसने घाटी के पर्यटन उद्योग को गहरा आघात पहुंचाया है। सरकार ने मृतकों के परिवारों के लिए 10 लाख रुपये, गंभीर रूप से घायलों के लिए 2 लाख रुपये, और मामूली रूप से घायल लोगों के लिए 1 लाख रुपये की अनुग्रह राशि की घोषणा की।
सुरक्षा बलों ने हमलावरों को पकड़ने के लिए बड़े पैमाने पर तलाशी अभियान शुरू किया। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) की एक टीम ने स्थानीय पुलिस के साथ मिलकर जांच शुरू की, और संदिग्ध आतंकवादियों के स्केच जारी किए गए, जिनके कोडनेम “आसिफ फुजी”, “सुलेमान शाह”, और “अबु तल्हा” बताए गए। इसके अलावा, उरी सेक्टर में एक घुसपैठ की कोशिश को नाकाम करते हुए सेना ने दो आतंकवादियों को मार गिराया।
आतंकवादी संगठन का दावा और वैश्विक प्रतिक्रिया
हमले की जिम्मेदारी द रेसिस्टेंस फ्रंट (टीआरएफ) ने ली, जो पाकिस्तान आधारित लश्कर-ए-तैयबा का एक सहयोगी संगठन है। टीआरएफ ने दावा किया कि यह हमला कश्मीर में “बाहरी लोगों” के बसने और “जनसांख्यिकीय परिवर्तन” के खिलाफ था।
इस हमले की वैश्विक स्तर पर कड़ी निंदा हुई। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प, रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन, ब्रिटिश प्रधानमंत्री कीर स्टार्मर, और संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने इसे “नृशंस” और “अस्वीकार्य” करार दिया। सऊदी क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान ने भी शोक व्यक्त किया।
कश्मीर और पर्यटन पर प्रभाव
पहलगाम, जो अपनी प्राकृतिक सुंदरता के लिए दुनिया भर में जाना जाता है, पिछले कुछ वर्षों में पर्यटन के मामले में उभर रहा था। 2024 में 35 लाख से अधिक पर्यटकों ने कश्मीर का दौरा किया था। लेकिन इस हमले ने पर्यटन उद्योग पर गहरी चोट पहुंचाई है। हमले के बाद घाटी में पर्यटकों का पलायन शुरू हो गया, और कई संगठनों ने बंद का आह्वान किया। श्रीनगर और अन्य शहरों की सड़कें सुनसान हो गईं।
आगे की राह
यह हमला न केवल एक मानवीय त्रासदी है, बल्कि कश्मीर में शांति और स्थिरता की दिशा में एक बड़ा झटका भी है। विशेषज्ञों का मानना है कि इस हमले में खुफिया विफलता और आतंकवादियों की नई रणनीति उजागर हुई है, जो पर्यटकों और गैर-स्थानीय लोगों को निशाना बना रही है।
भारत सरकार ने स्पष्ट किया है कि इस हमले का जवाब कड़ा होगा। गृह मंत्री शाह ने सुरक्षा एजेंसियों को आतंकवादियों को पकड़ने और भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए हरसंभव कदम उठाने का निर्देश दिया है। वहीं, यह हमला कश्मीर के लोगों के लिए भी एक चुनौती है, जो पर्यटकों को अपने मेहमान के रूप में देखते हैं। जैसा कि पहलगाम टैक्सी एसोसिएशन के अध्यक्ष गुलजार अहमद वानी ने कहा, “ये पर्यटक हमारी आजीविका हैं, हमारे परिवार हैं।”
आतंक के खिलाफ एकजुट भारत: पहलगाम हमले के बाद देश का संकल्प
पहलगाम का यह आतंकवादी हमला एक दुखद अनुस्मारक है कि आतंकवाद का खतरा अभी भी कश्मीर की शांति को चुनौती देता है। लेकिन भारत की एकजुटता, विश्व समुदाय का समर्थन, और सरकार की दृढ़ इच्छाशक्ति इस बात का प्रमाण है कि आतंक के सामने देश कभी नहीं झुकेगा। पीड़ित परिवारों के प्रति संवेदना और घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना के साथ, यह समय है कि हम एकजुट होकर इस बुराई के खिलाफ लड़ें और कश्मीर की खूबसूरत वादियों को फिर से शांति का आलम बनाएं।