हरिद्वार में तैनात रहेगा ड्रोन, गंगा घाटों पर एसडीआरएफ-एनडीआरएफ की विशेष व्यवस्था
देहरादून, 22 जून 2025: इस साल कांवड़ यात्रा के दौरान हरिद्वार में उत्तराखंड राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (यूएसडीएमए) का नभ नेत्र ड्रोन तैनात रहेगा। ड्रोन के माध्यम से भीड़भाड़ वाले स्थानों, सड़कों, घाटों और पुलों पर पैनी नजर रखी जाएगी। राज्य और जिला आपातकालीन परिचालन केंद्र से ड्रोन के विजुअल्स की निरंतर मॉनिटरिंग होगी। यह निर्देश यूएसडीएमए के अपर मुख्य कार्यकारी अधिकारी (प्रशासन) आनंद स्वरूप ने शनिवार को कांवड़ यात्रा की तैयारियों को लेकर आयोजित बैठक में दिए।
11 जुलाई से शुरू होने वाली कांवड़ यात्रा के लिए यूएसडीएमए ने तैयारियां तेज कर दी हैं। बैठक में स्वरूप ने बताया कि आपदा प्रबंधन के लिए इंसीडेंट रिस्पॉन्स सिस्टम (आईआरएस) की अधिसूचना जारी कर दी गई है। उन्होंने संबंधित जनपदों के अधिकारियों को आईआरएस प्रणाली के तहत आपदा प्रबंधन योजना तैयार करने के निर्देश दिए। साथ ही, यात्रा के सुचारू संचालन के लिए विभिन्न विभागों में आपसी समन्वय पर जोर दिया और प्रत्येक विभाग में सिंगल पॉइंट ऑफ कॉन्टैक्ट के लिए एक जिम्मेदार अधिकारी नामित करने को कहा। जिला आपातकालीन परिचालन केंद्र को मास्टर कंट्रोल रूम बनाया जाएगा, जहां से यात्रा की पूरी निगरानी होगी।
30 जून की मॉक ड्रिल में कांवड़ यात्रा पर विशेष फोकस
30 जून को यूएसडीएमए द्वारा बाढ़ को लेकर आयोजित राज्य स्तरीय मॉक ड्रिल में हरिद्वार में कांवड़ यात्रा की सुरक्षा और गंगा घाटों के प्रबंधों को विशेष रूप से परखा जाएगा। आनंद स्वरूप ने इसके लिए विशेष निर्देश दिए।
कांवड़ियों के मोबाइल में डाउनलोड होगा सचेत ऐप
कांवड़ियों की सुरक्षा के लिए उनके मोबाइल फोन में सचेत ऐप डाउनलोड कराया जाएगा। अपर मुख्य कार्यकारी अधिकारी (क्रियान्वयन) डीआईजी राजकुमार नेगी ने बताया कि यह ऐप मानसून के दौरान मौसम संबंधी अलर्ट और सूचनाएं प्रदान करेगा। एंट्री पॉइंट्स पर सचेत ऐप के लिए होर्डिंग्स और बारकोड लगाए जाएंगे। साथ ही, आपात स्थिति के लिए टोल-फ्री नंबर 112, 1070 और 1077 की जानकारी भी कांवड़ियों को दी जाएगी।
गंगा घाटों पर सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम
गंगा घाटों पर कांवड़ियों की सुरक्षा के लिए एसडीआरएफ, एनडीआरएफ, जल पुलिस और 60 आपदा मित्र तैनात रहेंगे। कांगड़ा घाट पर विशेष सुरक्षा व्यवस्था होगी। एनडीआरएफ की एक टीम हरिद्वार में मौजूद रहेगी, जबकि आवश्यकता पड़ने पर देहरादून से अतिरिक्त टीमें भेजी जाएंगी।
संभावित आकस्मिकताओं से निपटने की तैयारी
स्वरूप ने भगदड़, नदी में डूबने, भंडारा स्थलों पर अग्निकांड, बाढ़, जलभराव, संक्रामक रोग, जाम और दुर्घटनाओं जैसी आकस्मिकताओं से निपटने के लिए पहले से तैयारी रखने के निर्देश दिए। किसी भी आपात स्थिति में तुरंत राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र से संपर्क करने को कहा गया।
वन्य जीवों और बिजली तारों से सुरक्षा के इंतजाम
कांवड़ियों को वन्य जीवों से बचाने के लिए वन विभाग को संवेदनशील क्षेत्रों में सुरक्षा प्रबंध करने के निर्देश दिए गए। साथ ही, ऊंची कांवड़ों को बिजली की तारों से बचाने के लिए विद्युत विभाग को समुचित व्यवस्था करने को कहा गया।
बैठक में अपर मुख्य कार्यकारी अधिकारी (क्रियान्वयन) डीआईजी राजकुमार नेगी, संयुक्त सचिव विक्रम सिंह राणा, संयुक्त मुख्य कार्यकारी अधिकारी मो. ओबैदुल्लाह अंसारी सहित अन्य अधिकारी मौजूद रहे।