वाराणसी, 19 जुलाई 2025: बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (बीएचयू) के सर सुंदरलाल अस्पताल में मरीजों और उनके परिजनों को ठगने वाले चोर-दलालों के खिलाफ प्रशासन ने निर्णायक कदम उठाया है। अस्पताल में चोरी और दलाली की बढ़ती घटनाओं को देखते हुए 41 संदिग्धों की पहचान कर उनके चेहरे अस्पताल परिसर की डिजिटल स्क्रीनों पर सार्वजनिक कर दिए गए हैं। इस साहसिक कदम से मरीजों की सुरक्षा सुनिश्चित करने और असामाजिक तत्वों पर नकेल कसने की कोशिश की जा रही है।
महिलाओं, नकाबपोश युवतियों और बच्चों का गिरोह!
प्रशासन के मुताबिक, ये संदिग्ध मरीजों या तीमारदारों का भेष धरकर वारदातों को अंजाम देते थे। ओपीडी हॉल, पर्ची काउंटर और लैब क्षेत्र इनके निशाने पर थे। कुछ दलाल निजी अस्पतालों से सांठगांठ कर मरीजों को बहला-फुसलाकर बाहर ले जाते और मोटा कमीशन कमाते थे। इस गिरोह में महिलाएं, नकाबपोश युवतियां और यहां तक कि छोटे बच्चे भी शामिल हैं, जो अपनी मासूमियत का फायदा उठाकर ठगी करते थे।
प्रशासन की चेतावनी: सतर्क रहें, सूचना दें!
अस्पताल प्रशासन ने मरीजों और तीमारदारों से अपील की है कि वे किसी भी संदिग्ध गतिविधि को देखते ही तुरंत सूचित करें। इसके लिए कंट्रोल रूम हेल्पलाइन नंबर (0542-2369169, 0542-22369247) और थाना लंका पुलिस से संपर्क करने की सलाह दी गई है। मेडिकल सुपरिटेंडेंट प्रो. केके गुप्ता ने बताया, “41 संदिग्धों की तस्वीरें अस्पताल परिसर में 10 से अधिक स्थानों पर प्रदर्शित की गई हैं। यह कदम मरीजों की सुरक्षा और अस्पताल की प्रतिष्ठा को बनाए रखने के लिए उठाया गया है।”
सुरक्षा के लिए जागरूकता जरूरी
बीएचयू अस्पताल प्रशासन का यह कदम न केवल मरीजों की सुरक्षा को मजबूत करेगा, बल्कि असामाजिक तत्वों को भी सख्त संदेश देता है। बीएचयू प्रशासन ने मरीजों और तीमारदारों से अपील की है, वे सावधान रहें और संदिग्धों की हरकतों पर नजर रखें।