कोनिया में गाय का शव, दुर्गंध का प्रकोप: नगर निगम की लापरवाही बरकरार
वाराणसी, 10 अगस्त 2025: कोनिया, राजघाट व नक्खी घाट के इलाके की गलियां, जो कुछ दिन पहले तक गंगा और वरुणा के उफनते पानी में डूबी थीं, अब बाढ़ के कहर से मुक्त हो चुकी हैं। लेकिन बाढ़ के बाद का मंजर किसी नई आपदा से कम नहीं। सड़कों पर जलकुंभी, कचरा और बदबूदार कीचड़ की मोटी परत जमी है, तो घरों की दीवारों पर पांच से सात फीट ऊंचे पानी के निशान बाढ़ की भयावहता की गवाही दे रहे हैं। बाढ़ के दौरान पलायन कर गए कई परिवार अब अपने घरों को लौटे हैं, लेकिन कई मकानों पर अभी भी ताले लटके हैं। इलाके में फैली असहनीय दुर्गंध के कारण बिना मुंह ढके निकलना भी मुश्किल हो रहा है। दूसरी ओर, कोनिया पुल मार्ग पर तीन दिनों से पड़ा गाय का शव इलाके में भीषण दुर्गंध फैला रहा है, लेकिन नगर निगम की टीम अब तक उसे हटाने नहीं पहुंची।
साफ-सफाई में जुटे लोग, मगर चेहरों पर तनाव
जिन घरों में लोग लौटे हैं, वहां साफ-सफाई का दौर जोरों पर है। स्थानीय निवासी अपने घरों की फर्श को चमकाने में जुटे हैं, लेकिन उनके चेहरों पर राहत की जगह तनाव साफ झलक रहा है। एक स्थानीय निवासी दीपक ने बताया, “बाढ़ तो चली गई, लेकिन गंदगी और दुर्गंध ने जीना मुहाल कर दिया। नगर निगम की ओर से कोई ठोस कदम नहीं उठाया जा रहा। सड़कों पर कीचड़ और कचरा जस का तस पड़ा है।” कई लोग दूषित पेयजल की आपूर्ति के कारण बोतलबंद पानी खरीदने को मजबूर हैं।
सपा कार्यकर्ताओं ने संभाला मोर्चा
दूसरी ओर, समाजवादी पार्टी (सपा) के कार्यकर्ता इस संकट में लोगों के साथ खड़े नजर आए। पहले राहत सामग्री बांटने वाले सपा कार्यकर्ता अब झाड़ू और सेनेटाइजर लेकर गलियों में उतरे हैं। सपा युवजन सभा के प्रदेश महासचिव किशन दीक्षित ने नगर निगम की निष्क्रियता पर तीखा हमला बोला। उन्होंने कहा, “नगर निगम की लापरवाही के कारण गलियों में गंदगी और कीचड़ संक्रामक बीमारियों को न्योता दे रहा है। हमारी टीम प्रतिदिन साफ-सफाई के साथ चूना और ब्लीचिंग का छिड़काव कर रही है ताकि लोग बीमारियों की चपेट में न आएं।” सपा नेता ने मांग की है कि प्रशासन तत्काल सफाई और गाय का शव हटाने की व्यवस्था करे ताकि इलाके को स्वच्छ और सुरक्षित बनाया जा सके। सफाई अभियान में अशोक यादव नायक, पारस नाथ जायसवाल, गुड्डू यादव, मेवा पहलवान, अमन स्वर्णकार और मनोज चौरसिया आदि ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया।
नगर निगम पर सवाल
स्थानीय लोगों और सपा कार्यकर्ताओं ने नगर निगम की कार्यशैली पर गहरी नाराजगी जताई है। लोगों का कहना है कि बाढ़ के बाद साफ-सफाई और सेनेटाइजेशन के लिए कोई कारगर कदम नहीं उठाए गए। गलियों में फैली गंदगी और दुर्गंध न सिर्फ असहज कर रही है, बल्कि स्वास्थ्य के लिए भी खतरा बन रही है।
बाढ़ का पानी भले ही उतर गया हो, लेकिन कोनिया की गलियों में बस्ती गंदगी और बदबू के साये में जीने को मजबूर है। अब देखना यह है कि प्रशासन इस संकट से निपटने के लिए कब तक कोई ठोस कदम उठाता है।