हरिद्वार, 22 जून 2025: अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर उत्तराखंड के हरिद्वार में एक उच्चस्तरीय बैठक का आयोजन किया गया, जिसमें मेक्सिको, फिजी, नेपाल, सूरीनाम, मंगोलिया, लातविया, श्रीलंका और रूस के राजदूतों, उच्चायुक्तों और प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया। बैठक में उत्तराखंड में आयुष, पर्यटन, संस्कृति और निवेश की संभावनाओं पर विस्तृत चर्चा हुई। उत्तराखंड सरकार की ओर से उपाध्यक्ष, राज्य आपदा प्रबंधन विनय रुहेला, सचिव सचिन कुर्वे, धीराज गबर्याल, जुगल किशोर पंत, अपर सचिव अभिषेक रोहिल्ला, विजय कुमार जोगदंडे सहित उद्योग, आयुष, पर्यटन और संस्कृति विभाग के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे।
पर्यटन की अपार संभावनाएं और बुनियादी ढांचा विकास
सचिव सचिन कुर्वे ने विदेशी प्रतिनिधियों को उत्तराखंड के पर्यटन क्षेत्र की उपलब्धियों और योजनाओं से अवगत कराया। उन्होंने बताया कि राज्य में देहरादून, पंतनगर और पिथौरागढ़ में तीन परिचालित हवाई अड्डे और आठ हेलीपोर्ट हैं, जो दूरस्थ क्षेत्रों में पर्यटन और आपातकालीन सेवाओं को बढ़ावा देते हैं। 46,000 किलोमीटर से अधिक का सड़क नेटवर्क सभी मौसमों में तीर्थस्थलों और सीमावर्ती क्षेत्रों को जोड़ता है। मसूरी, यमुनोत्री और पूर्णागिरी में रोपवे विकसित किए जा रहे हैं। टिहरी झील को जल और हवाई खेलों का केंद्र बनाया जा रहा है, जबकि जॉर्ज एवरेस्ट एस्टेट का पुनर्विकास किया गया है। केदारनाथ और बद्रीनाथ को प्लास्टिक-मुक्त क्षेत्र घोषित किया गया है, और बायो-डाइजेस्टर शौचालयों की स्थापना की गई है।
पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए साहसिक गतिविधियों पर विशेष जोर दिया गया। ऋषिकेश में व्हाइट वॉटर राफ्टिंग, नौकुचियाताल और धनोल्टी में पैराग्लाइडिंग, केदारकांठा और फूलों की घाटी जैसे ट्रैकिंग ट्रेल्स पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र हैं। 45% से अधिक वन क्षेत्र के साथ 6 राष्ट्रीय उद्यान और 7 वन्यजीव अभयारण्य सफारी के लिए आदर्श हैं। खगोल पर्यटन के लिए नक्षत्र सभा और जायरोकॉप्टर सवारी जैसे नवाचार भी शुरू किए गए हैं। पिछले तीन वर्षों में आतिथ्य क्षेत्र में 5,500 से अधिक लोगों को प्रशिक्षित किया गया है।
आयुष: स्वास्थ्य और निवेश का स्वर्ग
अपर सचिव विजय कुमार जोगदंडे ने आयुष क्षेत्र में उत्तराखंड की संभावनाओं पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि हिमालयी जलवायु, आध्यात्मिकता और प्राकृतिक संपदा के कारण उत्तराखंड आयुष और वेलनेस का केंद्र है। पारदर्शी नीतियां, कुशल जनशक्ति और मजबूत कानून-व्यवस्था ने राज्य को निवेश के लिए आकर्षक बनाया है। उन्होंने कहा, “उत्तराखंड स्वास्थ्य चाहने वालों और निवेशकों, दोनों के लिए स्वर्ग है।”
निवेश अनुकूल नीतियां
निदेशक उद्योग जी.एम. चंदोला ने राज्य की निवेश नीतियों पर प्रस्तुति दी। उन्होंने बताया कि उत्तराखंड सरकार ने उद्योगों के विकास और निवेश आकर्षण के लिए कई प्रोत्साहन योजनाएं लागू की हैं, जो विदेशी निवेशकों के लिए लाभकारी हैं।
विदेशी प्रतिनिधियों की भागीदारी
बैठक में मेक्सिको के राजदूत फेडेरिको सालास, फिजी के उच्चायुक्त जगन्नाथ सामी, नेपाल के राजदूत डॉ. शंकर प्रसाद शर्मा, सूरीनाम के राजदूत अरुणकोमर हार्डियन, मंगोलिया के राजदूत डंबाजाविन गैंबोल्ड, लातविया के डिप्टी हेड ऑफ मिशन मार्क्स डीतॉन्स, श्रीलंका के मिनिस्टर काउंसलर लक्ष्मेंद्र गेशन डिसनायके और रूस के प्रथम सचिव क्रिस्टिना अनानीना सहित अन्य राजनयिक मौजूद थे। यह बैठक उत्तराखंड को वैश्विक पर्यटन और निवेश मानचित्र पर स्थापित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम मानी जा रही है।