31 मार्च 2026 तक देश होगा नक्सलमुक्त, स्वर्णिम अक्षरों में लिखा जाएगा जवानों का बलिदान
रायपुर, 23 जून 2025: केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने आज छत्तीसगढ़ के नवा रायपुर में सुरक्षा बलों के जवानों के साथ संवाद कर उनके साहस और समर्पण को सलाम किया। उन्होंने ऐलान किया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में 31 मार्च 2026 तक देश नक्सलवाद से पूरी तरह मुक्त हो जाएगा, जो आजादी के बाद के सबसे गौरवशाली क्षणों में से एक होगा।
शाह ने कहा, “जब नक्सल प्रभावित क्षेत्र का बच्चा बंदूक की जगह पेंसिल थामता है, तो न सिर्फ एक क्षेत्र, बल्कि पूरे देश का भविष्य संवरता है।” उन्होंने नक्सलवाद को गरीबों और आदिवासियों के लिए सबसे बड़ी विभीषिका करार देते हुए बताया कि पिछले 35 वर्षों में इसने 40 हजार लोगों की जान ली और विकास को अवरुद्ध किया।
जवानों के शौर्य को नमन
बैठक में छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय, उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा, केंद्रीय गृह सचिव, खुफिया ब्यूरो के निदेशक और बीएसएफ के महानिदेशक सहित वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे। शाह ने केंद्रीय सुरक्षा बलों, कोब्रा, छत्तीसगढ़ पुलिस और डीआरजी के जवानों की बहादुरी की सराहना की। उन्होंने कहा, “आपके शौर्य ने माओवादियों के गढ़ को तहस-नहस कर दुनिया को आश्चर्यचकित किया है।”
विकास से लाल आतंक का खात्मा
गृह मंत्री ने बताया कि नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में सरकार अनाज, स्वास्थ्य, शिक्षा, बिजली, आवास, शौचालय और शुद्ध पेयजल पहुंचाकर विकास की नई इबारत लिख रही है। “जहां नक्सलवाद खत्म हो रहा है, वहां समृद्धि आ रही है। यह बदलाव देश के भविष्य को नई दिशा देगा,” उन्होंने कहा।
‘लियोर ओयना’ पुस्तक का लोकार्पण
शाह ने नक्सलियों के अत्याचारों और बस्तर को बचाने के प्रयासों पर आधारित पुस्तक ‘लियोर ओयना’ का विमोचन भी किया। यह पुस्तक नक्सलियों की हिंसा से पीड़ित आदिवासियों की व्यथा को उजागर करती है और मानवाधिकार के नाम पर नक्सल समर्थकों की सच्चाई को बेनकाब करती है।
स्वर्णिम इतिहास रचेंगे जवान
गृह मंत्री ने कहा, “जब नक्सलवाद के खात्मे की विजय गाथा लिखी जाएगी, तो सुरक्षा बलों के परिश्रम, त्याग और बलिदान को स्वर्णिम अक्षरों में अंकित किया जाएगा।” यह संवाद न केवल जवानों का मनोबल बढ़ाने वाला था, बल्कि नक्सलमुक्त भारत के संकल्प को और मजबूत करने वाला भी साबित हुआ।