नई दिल्ली: अगर आप शेयर बाजार में नियमित रूप से निवेश करते हैं, तो यह खबर आपके लिए महत्वपूर्ण हो सकती है। भारत के प्रमुख स्टॉक एक्सचेंज बीएसई और एनएसई ने कैश और फ्यूचर ऑप्शन सौदों के लिए अपने ट्रांजेक्शन शुल्क को संशोधित किया है।
यह बदलाव सेबी (SEBI) के उस निर्देश के बाद किया गया है, जिसमें सभी बाजार इंफ्रास्ट्रक्चर संस्थानों (MII) के सदस्यों के लिए एक समान शुल्क संरचना लागू करने की बात कही गई थी। संशोधित दरें 1 अक्टूबर से प्रभावी होंगी।
सेबी के निर्देश के बाद लिया गया निर्णय
बीएसई ने इक्विटी फ्यूचर और ऑप्शन कैटेगरी में सेंसेक्स और बैंकेक्स विकल्प अनुबंधों के लिए लेनदेन शुल्क को संशोधित कर ₹3,250 प्रति करोड़ प्रीमियम कारोबार कर दिया है। हालांकि, इस श्रेणी के अन्य अनुबंधों के लिए शुल्क में कोई बदलाव नहीं किया गया है। जुलाई में जारी सेबी के नोटिफिकेशन के अनुसार, सभी एमआईआई को एक समान शुल्क संरचना अपनानी होगी, जो पहले से लागू वॉल्यूम आधारित प्रणाली को प्रतिस्थापित करेगी।
कैश मार्केट सेगमेंट के लिए समान शुल्क
एनएसई ने कैश मार्केट सेगमेंट के लिए अब एक समान ट्रांजेक्शन शुल्क लागू किया है। अब प्रति लाख रुपये के व्यापार पर दोनों पक्षों से ₹2.97 का शुल्क लिया जाएगा। इससे पहले, एनएसई कुल मासिक कारोबार के विभिन्न स्लैब के आधार पर ₹2.97 से ₹3.22 प्रति पक्ष चार्ज कर रहा था। इक्विटी फ्यूचर सेगमेंट में एनएसई ने शुल्क को संशोधित कर प्रति लाख व्यापार मूल्य पर ₹1.73 का चार्ज तय किया है।
इक्विटी ऑप्शन के लिए, ट्रांजेक्शन शुल्क अब प्रति लाख प्रीमियम मूल्य पर ₹35.03 प्रति पक्ष होगा, जबकि करेंसी फ्यूचर के लिए प्रति लाख व्यापार मूल्य पर एक तरफ से ₹0.35 का संशोधित शुल्क होगा। बीएसई ने भी सेंसेक्स और बैंकेक्स विकल्प अनुबंधों के लिए लेनदेन शुल्क को संशोधित किया है, अब प्रति करोड़ प्रीमियम कारोबार पर ₹3,250 का शुल्क लागू होगा। पहले यह शुल्क मासिक कारोबार के आधार पर ₹500 से ₹4,950 प्रति करोड़ के बीच भिन्न होता था।