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Thursday, March 28, 2024

तीन दशकों से सुप्रीम कोर्ट के न्यायमूर्ति रहे स्टीफन ब्रेयर इस साल सेवानिवृत्त होंगे

सुप्रीम कोर्ट के न्यायमूर्ति स्टीफन ब्रेयर इस साल लगभग तीन दशकों के बाद सेवानिवृत्त होंगे। सूत्रों ने बुधवार को कहा कि यह राष्ट्रपति जो बाइडन के लिए सुप्रीम कोर्ट में अपना पहला जज नामित करने का मौका होगा। खास बात तो यह है कि बाइडन पहले ही सुप्रीम कोर्ट में पहली अश्वेत महिला के ऐतिहासिक नामकरण का वादा कर चुके हैं।

न्यायमूर्ति स्टीफन ब्रेयर का यह निर्णय सुनिश्चित करता है कि राष्ट्रपति जो बाइडन के पास अपने एक उत्तराधिकारी को नामित करने का अवसर है, जो दशकों तक सेवा कर सके। लेकिन जस्टिस ब्रेयर के सेवानिवृत्त होने से अदालत में मौजूदा 6-3 रूढ़िवादी बहुमत में बदलाव नहीं होगा। जस्टिस ब्रेयर के सुप्रीम कोर्ट से जून अंत में सेवानिवृत्त होने की उम्मीद है।

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, जजों के नामों पर विचार-विमर्श और इस मामले से अच्छी तरह परिचित व्हाइट हाउस से जुड़े चार लोगों ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि जैक्सन और क्रूगर को लंबे समय से इसके लिए संभावित नामांकित व्यक्ति के रूप में देखा जा रहा है। जस्टिस स्टीफन ब्रेयर के सेवानिवृत्त होने की योजना के साथ, उत्तराधिकारी के बारे में शुरुआती चर्चा यूएस सर्किट जज केतनजी ब्राउन जैक्सन, यूएस डिस्ट्रिक्ट जज जे मिशेल चाइल्ड्स और कैलिफोर्निया सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस लियोनड्रा क्रूगर पर केंद्रित है।

 

ब्रेयर 1994 से राष्ट्रपति बिल क्लिंटन द्वारा नियुक्त न्यायधीश हैं। उनकी सेवानिवृत्ति से बाइडन को अगले चुनाव से पहले सुप्रीम कोर्ट में अपने एक सदस्य को नामित करने और जीतने का मौका मिलेगा। क्योंकि हो सकता है कि अगले चुनाव में रिपब्लिकन सीनेट में फिर से आ सकते हैं और भविष्य के उम्मीदवारों को ब्लॉक कर सकते हैं।

इससे पहले दिवंगत न्यायमूर्ति रूथ बेडर गिन्सबर्ग के साथ पिछली बार डेमोक्रेट्स ने बराक ओबामा के राष्ट्रपति कार्यकाल के दौरान व्हाइट हाउस और सीनेट को नियंत्रित किया था। गिन्सबर्ग ने पद नहीं छोड़ने का विकल्प चुना था। सितंबर 2020 में गिन्सबर्ग की मृत्यु हो गई थी जिसके बाद तत्कालीन राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक रूढ़िवादी न्यायाधीश एमी कोनी बैरेट की जीत के साथ रिक्त पद को भर दिया था।

सीनेट में बहुमत के नेता चक शूमर ने कहा कि बाइडन के उम्मीदवार पर “सीनेट न्यायपालिका समिति में त्वरित सुनवाई होगी और सोची-समझी रणनीति के तहत तेज गति के साथ पूर्ण संयुक्त राज्य सीनेट द्वारा विचार और पुष्टि की जाएगी।” हालांकि बाइडन के समर्थकों और सहयोगियों ने कहा कि एक व्यक्ति को नामित करने के लिए व्हाइट हाउस के निर्णय में कई सप्ताह लग सकते हैं।

अदालत अमेरिकी जीवन में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। क्योंकि अक्सर अत्यधिक विवादास्पद कानूनों, राज्यों और संघीय सरकार के बीच विवादों और फांसी पर रोक लगाने के लिए सुप्रीम कोर्ट में अंतिम अपील की जाती है और उसका फैसला अंतिम होता है।

83 साल के जस्टिस ब्रेयर सुप्रीम कोर्ट की बेंच के सबसे पुराने सदस्य हैं। डेमोक्रेट पहले से ही उन पर सेवानिवृत्त होने के लिए दबाव डालते रहे हैं ताकि वे व्हाइट हाउस और सीनेट को नियंत्रित करने के लिए किसी युवा व्यक्ति के मार्फत सीट भर सकें।

बता दें कि अमेरिकी राष्ट्रपति पद के चुनाव से करीब एक सप्ताह पहले पिछले साल अक्तूबर में अमेरिकी सीनेट में सुप्रीम कोर्ट के नए जज के लिए वोटिंग की गई थी। इस वोटिंग में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा नामित एमी कोनी बैरेट ने जीत दर्ज की थी और वह सुप्रीम कोर्ट की नई जज बनी थीं। अमेरिका में जजों की नियुक्ति लाइफटाइम के लिए होती है और अन्य कोर्ट से अलग यहां के जजों की कोई रिटायरमेंट उम्र भी नहीं होती। अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट में नौ जज होते हैं। किसी अहम फैसले के वक्त यदि इनकी राय 4-4 में विभाजित हो जाती है तो सरकार द्वारा नियुक्त जज का वोट निर्णायक हो जाता है।

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Anita Choudhary is a freelance journalist. Writing articles for many organizations both in Hindi and English on different political and social issues

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