वाराणसी, 19 जनवरी 2025, रविवार। काशी की धार्मिक नगरी की पहचान को बढ़ावा देने के लिए विकास प्राधिकरण और नगर निगम ने शहर की सार्वजनिक दीवारों को अलग-अलग थीम पर तैयार करना शुरू किया है। स्कल्पचर से लेकर पेंटिंग तक, शहर की विभूतियों के स्कल्पचर और काशी की नृत्य, कला और संस्कृति को दर्शाती कलाकृतियां बनाई जा रही हैं।
काशी की बात महादेव, मंदिर, घाट, घंटा घड़ियाल के बिना अधूरी है, इसलिए इन सभी पहलुओं को दीवारों पर पेंटिंग के माध्यम से प्रदर्शित किया जा रहा है। सरकारी महकमों ने आर्ट के जुड़े छात्रों और एजेंसियों के माध्यम से शहर में प्रवेश करने वालों प्रमुख मार्गों से लेकर रेलवे, बस स्टेशन, एयरपोर्ट, रिंग रोड, फ्लाईओवर से लेकर अन्य स्थानों पर दीवारों पर काशी से जुड़ी पेंटिंग बनाई जा रही है।
हालांकि, यह देखा जा रहा है कि सड़क किनारे बनी इन कलाकृतियों के नीचे नाली बहती है और लोग बेहिचक खुले मूत्र त्याग करते हैं। दीवारों पर देवी – देवताओं, साधु संत की पेंटिंग और उसी जगह मूत्र त्याग, शौच के चलते बदबू फैलती है। यह शहर की बदलती तस्वीर को बदरंग करने का एक दुर्भाग्यपूर्ण पहलू है।
अपने शहर को स्वच्छ साफ सुथरा बनाए रखने की जिम्मेदारी हर नागरिक की होती है। इसलिए, हमें अपने शहर की स्वच्छता के लिए एकजुट होकर काम करना चाहिए और इन कलाकृतियों को उनकी सही जगह पर बनाए रखना चाहिए।