प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की वीरवार को होने वाली रैली के लिए सुरक्षा व्यवस्था बेहद कड़ी कर दी गई है। श्रीनगर शहर को ड्रोन और क्वाडकॉप्टर के संचालन के लिए अस्थायी रेड जोन घोषित कर दिया गया है। झेलम नदी में मार्कोस कमांडो तैनात कर दिए गए हैं। रैली स्थल बख्शी स्टेडियम बहुस्तरीय सुरक्षा घेरे में है। रैली के दौरान पीएम मोदी 6400 करोड़ की 52 विकास परियोनाओं का शुभारंभ व लोकार्पण करेंगे।
श्रीनगर शहर में पीएम की रैली को लेकर बहुस्तरीय सुरक्षा के इंतजाम किए गए हैं। रैली स्थल बख्शी स्टेडियम में ‘मोदी-मोदी, हिंदुस्तान जिंदाबाद की गूंज सुनाई दे रही है। श्रीनगर के दौरे के दौरान जिन-जिन मार्गों से पीएम मोदी गुजरेंगे वहां बड़ी संख्या में सुरक्षाबल तैनात किए गए हैं।
अनुच्छेद 370 हटने के बाद कश्मीर में हो रही प्रधानमंत्री की रैली पर सभी की निगाहें हैं। चाहे वह आम नागरिक हो या फिर राजनीतिक दल। नेकां, पीडीपी, कांग्रेस समेत अन्य पार्टियां भी रैली में दिए गए संदेश पर निगाहें बनाए हुए हैं। राजनीतिक पार्टियों का मानना है कि उनकी रैली से कश्मीर के लोगों के दिलोदिमाग पर असर पड़ सकता है।रैली के दौरान वह लाभार्थियों के जरिये ही कश्मीर तथा कश्मीर की अवाम को विकास की कहानियों का संदेश दे सकते हैं। केंद्र की योजनाओं का लाभ उठाते हुए कैसे किसानों, महिलाओं, युवाओं के जीवन में खुशहाली आई, इस बारे में भी अनुभव साझा कर सकते हैं। प्रधानमंत्री के संबोधन में आतंकवाद व अलगाववाद के दंश से कश्मीर को छुटकारा प्रमुख एजेंडा हो सकता है। वह यह बताने की कोशिश कर सकते हैं कि कश्मीर में अब शांति है। सभी ओर खुशहाली है। हड़ताल का कैलेंडर बंद हो गया है। अब स्कूल-कॉलेज, दुकानें नियमित रूप से खुलने लगी हैं। लोगों की जीविका पर किसी प्रकार का नकारात्मक असर नहीं पड़ रहा है। पत्थरबाजी बंद हो गई है। पुलिस से झड़पें भी बंद हो गई हैं। जो हाथ पत्थरबाजी करते थे वह अब लैपटॉप और कंप्यूटर चलाकर न केवल अपने परिवार का भरण पोषण कर रहे हैं, बल्कि जम्मू-कश्मीर के विकास में योगदान कर रहे हैं।