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Sunday, August 10, 2025

बौद्ध विरासत स्थलों को पाकिस्तान में नष्ट करने के फैसले पर श्रीलंका हुआ नाराज़

इस्लामाबाद (एजेंसी) पाकिस्तान में बौद्ध विरासत स्थलों को नष्ट किए जाने पर श्रीलंका ने नाराजगी जताई है। इसकी वजह से दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय संबंधों प्रभावित भी हो सकते हैं। पाकिस्तान की स्वात घाटी के विरासत स्थलों में बौद्ध नक्काशी, स्तूपों और बुद्ध की मूर्तियों को विध्वंस किया गया है।

इसके अलावा, चीन की मदद से बनाए जा रहे डायमर-भाषा बांध परियोजना-सह जलविद्युत संयंत्र गुलाम कश्मीर (पीओके) के गिलगित-बाल्टिस्तान क्षेत्र में बौद्ध मूल के 30,000 नक्काशी और मूर्तियों को नष्ट करके बनाया जा रहा है।

2020 में पाकिस्तान के उत्तर-पश्चिमी प्रांत खैबर पख्तूनख्वा में बुद्ध की 1,700 साल पुरानी एक मूर्ति को ध्वस्त कर दिया गया था। मूर्ति विध्वंस का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया।

इसको लेकर नागरिक कार्यकर्ताओं और मानवाधिकार कार्यकर्ताओं ने चिंता व्यक्त की है। हालांकि, कई पाकिस्तानी नागरिकों ने दुर्भाग्यपूर्ण कृत्य का समर्थन भी किया है।

कुछ महीने पहले पाकिस्तानी राष्ट्रपति आरिफ अल्वी ने श्रीलंका के साथ अपने संबंधों को मजबूत करने की बात कही थी। उन्होंने इस्लामाबाद में श्रीलंकाई बौद्ध भिक्षुओं के एक प्रतिनिधिमंडल से मुलाकात के दौरान संबंधों को मजबूत करने के लिए एक धार्मिक पर्यटन पर जोर दिया था। हालांकि, पाकिस्तान सरकार देश में बौद्ध विरासत स्थलों को धार्मिक कट्टरपंथियों से बचाने में विफल रही है।

इस घटना ने अफगानिस्तान की बामियान घाटी में 2000 साल पुरानी बुद्ध की दो विशाल मूर्तियों के विनाश की भयानक यादों को ताजा कर दिया है। इस्लाम खबर की रिपोर्ट के अनुसार, यह निश्चित रूप से पाकिस्तान सरकार की धार्मिक पर्यटन को मजबूत करके श्रीलंका के साथ संबंधों का विस्तार करने की योजना के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है।

पाकिस्तान को आतंकी गतिविधियों का केंद्र माना जाता है। इसके कारण पर्यटकों की संख्या में भारी गिरावट देखी गई है। अब धार्मिक संरचना के विध्वंस ने न केवल पर्यटकों की संख्या बल्कि राजस्व में भी भारी कमी देखने को मिली है। इस्लामाबाद के लिए पड़ोसी देशों विशेष रूप से बौद्ध-बहुल श्रीलंका के साथ सौहार्दपूर्ण संबंध बनाए रखने की चुनौतियां भी पैदा कर दी हैं।

इससे पहले पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान के मुस्लिमों सहित सभी कोरोना संक्रमित शवों का अंतिम संस्कार करने के श्रीलंका सरकार के फैसले में हस्तक्षेप ने स्थानीय बौद्ध आबादी को नाराज कर दिया था।

newsaddaindia6
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Anita Choudhary is a freelance journalist. Writing articles for many organizations both in Hindi and English on different political and social issues

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