वाराणसी, 15 मई 2025, गुरुवार। मध्य प्रदेश के मंत्री विजय शाह की कर्नल सोफिया कुरैशी को लेकर की गई आपत्तिजनक टिप्पणी ने राजनीतिक और सामाजिक हलकों में हंगामा मचा दिया है। ऑपरेशन सिंदूर में अपनी वीरता और नेतृत्व से देश का मान बढ़ाने वाली कर्नल सोफिया के खिलाफ मंत्री की टिप्पणी ने न केवल विपक्षी दलों, बल्कि आम जनता, खासकर महिलाओं में आक्रोश पैदा कर दिया है। इस विवाद ने समाजवादी पार्टी (सपा) को सड़कों पर उतरने का मौका दिया, जिसने वाराणसी में जोरदार प्रदर्शन कर अपना विरोध दर्ज किया।

सपा का “शर्म करो” मार्च: महिलाओं ने दिखाई ताकत
सपा की महिला सभा के नेतृत्व में वाराणसी के शास्त्री घाट से अंबेडकर पार्क तक “शर्म करो मार्च” निकाला गया। सपा कार्यकर्ताओं ने शास्त्री घाट वरुणापुल से कचहरी तक नारेबाजी करते हुए अपनी आवाज बुलंद की। “विजय शाह शर्म करो, भाजपा शर्म करो, कर्नल सोफिया जिंदाबाद” के नारे गूंजते रहे। मार्च शास्त्री घाट से शुरू होकर अंबेडकर प्रतिमा पर समाप्त हुआ, जहां कार्यकर्ताओं ने कर्नल सोफिया के सम्मान में एकजुटता दिखाई। यह प्रदर्शन न केवल मंत्री की टिप्पणी के खिलाफ था, बल्कि महिलाओं की गरिमा और सशस्त्र बलों के सम्मान का भी प्रतीक बना।

कर्नल सोफिया और ऑपरेशन सिंदूर का गौरव
कर्नल सोफिया कुरैशी ने भारत-पाकिस्तान के बीच अघोषित युद्ध के दौरान ऑपरेशन सिंदूर में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। उनकी बहादुरी और रणनीतिक सूझबूझ ने देश को गौरवान्वित किया। लेकिन सीजफायर के दौरान मंत्री विजय शाह की टिप्पणी ने इस गौरव को ठेस पहुंचाई। उनकी इस हरकत ने न केवल कर्नल सोफिया, बल्कि देश की हर उस महिला को आहत किया, जो अपने क्षेत्र में संघर्ष और सम्मान की मिसाल कायम कर रही है।

कानूनी कार्रवाई और हाई कोर्ट की फटकार
मामला यहीं नहीं थमा। हाईकोर्ट के आदेश पर इंदौर के मानपुर में विजय शाह के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया गया। इतना ही नहीं, हाई कोर्ट ने भी इस मामले में मंत्री को कड़ी फटकार लगाई है। यह घटना न केवल राजनीतिक विवाद का कारण बनी, बल्कि महिलाओं के सम्मान और सैन्य गौरव जैसे संवेदनशील मुद्दों को भी सामने लाई।

विपक्ष को मिला हथियार, सोशल मीडिया पर भी उबाल
विजय शाह की टिप्पणी ने विपक्षी दलों को भाजपा के खिलाफ हमला करने का सुनहरा मौका दे दिया। वाराणसी में जहां सपा और कांग्रेस सड़कों पर उतरे, वहीं अन्य विपक्षी दल सोशल मीडिया के जरिए अपना गुस्सा जाहिर कर रहे हैं। ट्विटर से लेकर फेसबुक तक, लोग कर्नल सोफिया के समर्थन में पोस्ट और हैशटैग के जरिए एकजुट हो रहे हैं। यह विवाद अब केवल एक टिप्पणी तक सीमित नहीं रहा, बल्कि यह महिलाओं के सम्मान और सैन्य शौर्य की रक्षा का मुद्दा बन गया है।