लखनऊ, 23 जून 2025: समाजवादी पार्टी (सपा) ने अपनी विचारधारा और अनुशासन की रक्षा के लिए कड़ा कदम उठाते हुए तीन बागी विधायकों को पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा दिया है। इन विधायकों पर राज्यसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) का साथ देने का गंभीर आरोप था। यह कार्रवाई उत्तर प्रदेश की सियासत में भूचाल ला सकती है।
निष्कासित विधायकों के नाम:
अभय सिंह (गोशाईगंज)
राकेश प्रताप सिंह (गौरीगंज)
मनोज कुमार पांडेय (ऊँचाहार)
क्यों हुई कार्रवाई?
सपा के आधिकारिक बयान में कहा गया कि ये विधायक पार्टी की समाजवादी और समावेशी विचारधारा के खिलाफ जाकर सांप्रदायिक और विभाजनकारी ताकतों के साथ खड़े हुए। राज्यसभा चुनाव में बीजेपी को प्रत्यक्ष या परोक्ष समर्थन देना सपा के मूल सिद्धांतों का खुला उल्लंघन था।
‘हृदय परिवर्तन’ का मौका बेकार
पार्टी ने इन विधायकों को अपनी गलती सुधारने के लिए समय दिया था, लेकिन कोई बदलाव न देखकर सपा ने निष्कासन का फैसला लिया। हालांकि, कुछ अन्य विधायकों को उनके अच्छे व्यवहार के चलते अतिरिक्त समय दिया गया है।
सपा का साफ संदेश
सपा ने दो टूक कहा, “जनविरोधी और विचारधारा के खिलाफ जाने वालों के लिए पार्टी में कोई जगह नहीं। ऐसी हरकतें कभी माफ नहीं होंगी।” यह कदम सपा की उस प्रतिबद्धता को दर्शाता है, जिसमें विचारधारा और जनहित सियासी सौदेबाजी से ऊपर हैं।
सियासी हलचल तेज
यह निष्कासन यूपी की राजनीति में नई हलचल पैदा कर रहा है। जहां बीजेपी को इसका फायदा मिलने की उम्मीद है, वहीं सपा ने यह जता दिया कि वह अपनी विचारधारा से कोई समझौता नहीं करेगी। सपा का नारा “जहां रहें, विश्वसनीय रहें” अब सियासी गलियारों में गूंज रहा है।