वाराणसी, 4 जुलाई 2025: समाजवादी पार्टी (सपा) के एक प्रतिनिधि मंडल ने शुक्रवार को पुलिस कमिश्नर मोहित अग्रवाल से उनके आवास पर मुलाकात कर सपा कार्यकर्ताओं पर दर्ज मुकदमे वापस लेने की मांग की। यह मामला हाल ही में बिजली दरों में वृद्धि और पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम के निजीकरण के विरोध में हुए प्रदर्शन से जुड़ा है, जिसमें सपा कार्यकर्ताओं पर भिखारीपुर बिजली निगम परिसर के गेट तोड़ने का प्रयास करने का आरोप है।
सपा महानगर अध्यक्ष दिलीप डे ने पुलिस कमिश्नर को बताया कि कार्यकर्ता शांतिपूर्ण तरीके से धरना-प्रदर्शन कर रहे थे, लेकिन बिजली विभाग के अधिकारियों ने द्वेषपूर्ण रवैया अपनाते हुए उनके खिलाफ चितईपुर थाने में मुकदमा दर्ज करवाया। उन्होंने इसे अन्यायपूर्ण करार देते हुए मुकदमा वापस लेने की मांग की। जवाब में, पुलिस कमिश्नर मोहित अग्रवाल ने आश्वासन दिया कि मामले की जांच चल रही है और जांच के आधार पर निष्पक्ष कार्रवाई की जाएगी।
प्रतिनिधि मंडल में शामिल प्रदेश महासचिव किशन दीक्षित ने प्रदेश सरकार पर तानाशाही का आरोप लगाया। उन्होंने कहा, “प्रदेश में जनता की आवाज को दबाने के लिए मुकदमे दर्ज किए जा रहे हैं, लेकिन सपा कार्यकर्ता जनता के हक के लिए आंदोलन जारी रखेंगे। 2027 में इस तानाशाही सरकार को उखाड़ फेंका जाएगा।” मंडल में एमएलसी आशुतोष सिन्हा, ओपी सिंह, राजू यादव सहित अन्य नेता शामिल थे।
बता दें, यह विवाद तब शुरू हुआ जब सपा कार्यकर्ताओं ने बिजली दरों में बढ़ोतरी और निजीकरण के विरोध में भिखारीपुर बिजली निगम परिसर में प्रदर्शन किया। इस दौरान गेट तोड़ने के प्रयास के आरोप में अवर अभियंता अमित कुमार सिंह की तहरीर पर 50 कार्यकर्ताओं के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया। तहरीर की प्रतियां अधीक्षण और अधिशासी अभियंताओं को भी सौंपी गई थीं।
सपा नेताओं का कहना है कि यह कार्रवाई राजनीतिक बदले की भावना से की गई है, जबकि पुलिस का दावा है कि वह कानून के दायरे में कार्रवाई कर रही है। इस मामले ने एक बार फिर सपा और सत्ताधारी दल के बीच तनाव को उजागर कर दिया है।